इस्लामाबाद, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान सरकार ने देश से अवैध अफगान नागरिकों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पाकिस्तान ने हाल ही में एक घोषणा की थी, जिसे उसने लागू करना शुरू कर दिया है।पाकिस्तान ने सभी अवैध अप्रवासियों को देश छोड़ने या गिरफ्तारी और निर्वासन का सामना करने के लिए 1 नवंबर 2023 तक की समय सीमा दी थी।
पुलिस अधिकारियों ने विभिन्न अफगान शरणार्थी शिविरों और अफगान नागरिकों के रहने वाले अन्य क्षेत्रों पर छापेमारी शुरू कर दी है, और ऐसे सैकड़ों परिवारों को हिरासत में ले लिया है, जिनके पास पाकिस्तान में रहने की स्थिति साबित करने के लिए कोई कानूनी दस्तावेज नहीं था।
अधिकारियों ने इस्लामाबाद और अन्य प्रमुख शहरों में अस्थायी अफगान शरणार्थी शिविरों को हटाना भी शुरू कर दिया है। जिससे अफगानों के पास अपना सामान इकट्ठा करने और अफगानिस्तान में प्रवेश करने के लिए तोरखम सीमा की ओर जाने के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है।
कम से कम 20 परिवारों को लेकर कम से कम 16 ट्रक गुरुवार को तोरखम सीमा पर पहुंचे थे, जबकि लगभग 40 और परिवार शुक्रवार को वहां पहुंचे।
एक अधिकारी ने कहा, "कानूनी आवश्यकताएं पूरी होने के बाद इन परिवारों को, जिनमें लगभग 1,000 लोग शामिल हैं, अफगानिस्तान में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।"
अधिकारी ने कहा, "ये निवासी इस्लामाबाद के मार्गल्ला टाउन के पास एक अफगान शरणार्थी शिविर से हैं, जिसे संघीय सरकार के निर्देश पर राजधानी विकास प्राधिकरण (सीडीए) ने ध्वस्त कर दिया था।"
अब तक, कम से कम 503 अफगान शरणार्थियों को जेल भेजा जा चुका है क्योंकि वे देश में अपनी पहचान की स्थिति के प्रमाण के रूप में कोई कानूनी दस्तावेज उपलब्ध कराने में विफल रहे।
इस्लामाबाद में एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ''विभिन्न अभियानों में कम से कम 1,126 लोगों की जांच की गई। उनमें से 623 लोगों को कानूनी पहचान दस्तावेज प्रस्तुत करने पर रिहा कर दिया गया।
हालांकि, उनमें से 503 को आवश्यक दस्तावेज़ नहीं होने के कारण जेल भेज दिया गया।''
गिरफ्तार किए गए 503 लोगों को विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत विभिन्न अदालतों के सामने पेश किया गया। 31 अक्टूबर के बाद सभी अवैध निवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू होगी।
अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई करने का पाकिस्तान का बड़ा फैसला अफगान तालिबान शासन को रास नहीं आया है, जिसने इस फैसले को 'अस्वीकार्य' करार दिया है।
अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तान सरकार के व्यवहार पर सवाल उठाया और कम से कम 1.7 मिलियन अपंजीकृत अफगान प्रवासियों को अफगानिस्तान वापस भेजने की योजना पर गंभीर चिंता जताई।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, ''अफगान शरणार्थियों के खिलाफ पाकिस्तान का व्यवहार अस्वीकार्य है। पाकिस्तानी पक्ष को अपनी योजना पर पुनर्विचार करना चाहिए। अफगान शरणार्थी पाकिस्तान की सुरक्षा समस्याओं में शामिल नहीं हैं। जब तक वे स्वेच्छा से पाकिस्तान नहीं छोड़ देते हैं, उस देश को उन्हें बर्दाश्त करना चाहिए।"
सूत्रों ने कहा कि हालांकि अफगान तालिबान इस्लामाबाद के फैसले से खुश नहीं हैं, लेकिन दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति है कि जिस भी अफगान के पास पाकिस्तान में रहने के लिए कोई कानूनी दस्तावेज नहीं है, उसे उसके गृह देश वापस भेज दिया जाना चाहिए।
--आईएएनएस
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