चेन्नई, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक, तमिल नाडु, केरल और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी पर कांसुलर क्षेत्राधिकार के साथ दक्षिण भारत के लिए इजरायल की महावाणिज्य दूत टैमी बेन-हैम ने कहा कि इजरायल तब तक चैन की सांस नहीं लेगा जब तक वह हमास को पूरी तरह खत्म नहीं कर देता, मूल निवासियों को सुरक्षा नहीं लौटा दी जाती और बंधकों को मुक्त नहीं कर दिया जाता।बेन-हैम एक पुरानी राजनयिक हैं और इजरायल सरकार के विदेश मंत्रालय में 18 का अनुभव रखती हैं।
आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने भारत सरकार और लोगों को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। प्रस्तुत हैं साक्षात्कार के अंश:
आईएएनएस: इजरायल युद्ध लड़ रहा है। दक्षिण भारत के प्रभारी महावाणिज्य दूतावास के रूप में आपकी क्या टिप्पणी है?
बेन-हैम: हमास आतंकी संगठन द्वारा 7 अक्टूबर को सुबह-सुबह इज़रायल और इज़रायल में आम लोगों पर क्रूर हमला किया गया। गाजा पट्टी से इजरायली क्षेत्र में रॉकेटों की बौछार (अब तक 6,300 से अधिक) की गई, एक हजार से अधिक हमास आतंकवादियों ने जमीन, समुद्र और हवा से कई अलग-अलग बिंदुओं से इजरायल में घुसपैठ की। एक हजार तीन सौ से अधिक लोग मारे गए, तीन हजार तीन सौ घायल हुए, और हमास द्वारा दर्जनों का अपहरण कर लिया गया।
इस जघन्य आतंकी हमले का उद्देश्य यहूदी पूजा स्थलों में जाने वाले परिवारों, उनके घरों और कस्बों को निशाना बनाना था। इसका लक्ष्य शिशुओं, बच्चों, महिलाओं और निहत्थे नागरिकों को निशाना बनाना था।
हमला अब भी जारी है। इसके हिस्से के रूप में आतंकवादी संगठन इज़राइल के दक्षिण और मध्य में शहरों और यरूशलम की ओर मिसाइलें दाग रहा है - अंधाधुंध फायरिंग जिसका उद्देश्य नागरिकों को मारना है।
आतंकवादियों ने नागरिकों का नरसंहार किया, निर्दोष लोगों पर अत्याचार किया, शिशुओं और परिवारों को जिंदा जला दिया, शवों का अपमान किया; और अभी भी उन शिशुओं, बच्चों और महिलाओं पर अत्याचार और क्रूरता कर रहे हैं जिनका उन्होंने अपहरण कर लिया है और बंधक बना लिया है।
हम आतंकवादी हमलों और युद्धों से हमारा पुराना परिचय है। हमने अब तक जो देखा है उसमें यह सबसे क्रूर हमला है।
जब तक हमारे लोगों और हमारे देश को सुरक्षा वापस नहीं मिल जाती, जब तक बंधकों को मुक्त नहीं कर दिया जाता, और जब तक हमास आतंकी संगठन को नष्ट नहीं कर दिया जाता, तब तक इजराइल चैन से नहीं बैठेगा।
आईएएनएस: हमास एक आतंकवादी संगठन है और जिस तरह से उन्होंने 7 अक्टूबर को इज़रायल के भीतर नागरिकों पर हमला किया, वह इसका स्पष्ट उदाहरण है। आपकी टिप्पणियां?
बेन-हैम: आपने सही कहा। हमास सार्वजनिक रूप कहता रहा है कि उसका एकमात्र लक्ष्य इजरायल; और इजरायली तथा यहूदी लोगों का विनाश करना है। उसे इस बात की कोई शर्म नहीं है, उसके चार्टर में भी इसे सूचीबद्ध किया गया है। यह अपनी स्थापना के समय से ही इस मिशन पर है। इसका उद्देश्य गाजा में नागरिक आबादी को मानव ढाल के रूप में उपयोग करते हुए इजरायली पक्ष के नागरिकों को नष्ट करना है। हमास को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है; कोई भी इससे अलग नहीं सोच रहा है।
आईएएनएस: आपका देश पिछले कई दशकों से इन युद्ध जैसी स्थितियों का सामना कर रहा है। आप इस कभी न ख़त्म होने वाले संघर्ष से कैसे निपटती हैं?
बेन-हैम: आज से 75 साल पहले स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से इज़राइल युद्धों और आतंकवादी हमलों का भुक्तभोगी रहा है; यहूदी लोग कई सहस्राब्दियों से संघर्षों को जानते हैं। हमें बर्बाद करने की इस कोशिश पर भी हम काबू पा लेंगे। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमास आतंकवादी संगठन पूरी तरह खत्म हो जाए और वे हम पर दोबारा हमला न कर सकें।
आईएएनएस: भारत ने खुले तौर पर कहा है कि हमास एक आतंकवादी संगठन है। भारत में काम करने वाले एक इज़रायली अधिकारी के रूप में आप क्या महसूस करती हैं?
बेन-हैम: हम प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी, भारत सरकार, दोस्तों और आम तौर पर भारतीय लोगों के स्पष्ट रुख की सराहना करते हैं, जिन्होंने जघन्य आतंकी हमलों की कड़ी निंदा और इज़राइल के लिए अपने समर्थन के रुख के साथ हमसे संपर्क किया है। भारत और इज़रायल के बीच समृद्ध संबंध हैं और हमारे प्रधानमंत्रियों ने पिछले सप्ताह इस बारे में अपडेट कॉल की थी। भारत का समर्थन हमें इज़राइल में मजबूत बनाता है और यह आतंकवाद तथा आतंकवादी संगठनों के खिलाफ एकजुट स्पष्ट संदेश भेजने में भी सहायता करता है।
आईएएनएस: इस हमले में ईरान, चीन और रूस द्वारा हमास का समर्थन करने की खबरें आई हैं। आप की राय क्या है?
बेन-हैम: ईरान में शासन हमास आतंकवादी संगठन का मुख्य वित्तपोषक और समर्थक है। यह हिज़्बुल्ला और फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद को धन और समर्थन भी देता है। यह न केवल हमास को वित्त पोषित करता है, बल्कि उसे बहुत सारी सैन्य सहायता भी प्रदान करता है, जिसमें रॉकेट और सभी प्रकार के हथियार तथा उसे गाजा में लाने में सहायता शामिल है। वे अपने आतंकवादियों को प्रशिक्षित करते हैं, और उनके साथ जानकारी साझा करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में यह समर्थन और कनेक्शन मजबूत और घनिष्ठ हो गया है, जिसमें मैसेजिंग का समन्वयन भी शामिल है। वे गाजा और उसके बाहर हमास नेतृत्व के साथ लगातार संपर्क में हैं।
आईएएनएस: क्या गाजा मुद्दा हमेशा के लिए हल हो जाएगा?
बेन-हैम: हमने हमास के खिलाफ जो युद्ध घोषित किया है उसमें इजराइल का उद्देश्य क्या है? सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण है इजराइल और इजराइल में रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना; हम हमास द्वारा गाजा में अपहरण किए गए शिशुओं, बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को भी मुक्त कराएंगे।
अंतिम लक्ष्य हमास को नष्ट करना है। वर्षों से इज़राइल ने हमारी नागरिक आबादी पर हमास के आतंकी हमलों और रॉकेट हमलों के खिलाफ संयमित शक्ति से जवाब दिया है। कार्रवाई की है; यह सभी के लिए स्पष्ट है कि इससे उन्हें पर्याप्त नुकसान नहीं हुआ है और वे हम पर हमला करते रहते हैं।
मौजूदा भयानक हमला इसका स्पष्ट उदाहरण है। इज़राइल अब यह सुनिश्चित करेगा कि हमास के पास कोई क्षमता, कोई बुनियादी ढांचा, कोई हथियार और रॉकेट भंडारण न हो। इज़राइल ने अब तक हमास के लगभग दो हजार ज्ञात ठिकानों पर हमला किया है, जिनमें यहां उल्लिखित रणनीतिक क्षेत्र और उनके मुख्य संचालक और कमांडर भी शामिल हैं।
आईएएनएस: इजराइल कृषि में सबसे आधुनिक तकनीकों वाला देश है। क्या आपको लगता है कि इस तकनीक का भारत में इस्तेमाल किया जा सकता है?
बेन-हैम: जब पानी, इसके उपयोग और पुन: उपयोग और कृषि की बात आती है तो इज़राइल के पास दुनिया में तकनीकी रूप से सबसे उन्नत प्रणालियों में से एक है। इज़राइल 70 प्रतिशत रेगिस्तान है, फिर भी हमने इसे समृद्ध बनाया है, हम घर पर उपयोग करने और विदेशों में निर्यात करने के लिए पर्याप्त सब्जियां, फल और यहां तक कि फूल भी उगाते हैं। हम वर्षों से भारत के साथ प्रौद्योगिकी साझा कर रहे हैं, और अधिकांश भारतीय राज्यों में फैले संयुक्त उत्कृष्टता केंद्र इसका एक बड़ा उदाहरण हैं।
इसी तरह महाराष्ट्र में आईडीई वाटर डीसैलिनेशन संयंत्र और तमिलनाडु में नेटाफिम ड्रिप सिंचाई विनिर्माण सुविधा भी हैं। हम साथ मिलकर हमेशा बहुत कुछ कर सकते हैं क्योंकि साझेदारी हमें अधिक स्मार्ट, मजबूत और बेहतर बनाती है। हम एक अग्रणी विश्वविद्यालय में जल उत्कृष्टता केंद्र के साथ-साथ अन्य संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं और किसानों के साथ काम करने की बात कर रहे हैं। साथ मिलकर काम करने वाले इज़राइल और भारत के पास दोनों देशों के लोगों और दुनिया भर के कई अन्य लोगों के लिए बहुत कुछ है।
हम शांति और सुरक्षा की वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और भारत सरकार तथा भारत के लोगों को इजरायल के प्रति उनके दृढ़ समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं।
--आईएएनएस
एकेजे