लंदन, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। पिछले साल ब्रिटिश शहर बर्मिंघम में एक स्कूल के बाहर झगड़े के दौरान 12 वर्षीय लड़के को थप्पड़ मारने के मामले में 41 वर्षीय भारतीय मूल की पूर्व महिला पुलिसकर्मी को सजा सुनाई गई है। बर्मिंघम मेल अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस में कांस्टेबल शरणजीत कौर ने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था और इंडिपेंडेंट ऑफिस फॉर पुलिस कंडक्ट (आईओपीसी) की जांच के बाद उन पर आरोप लगाया गया था।
बर्मिंघम मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पाया कि कौर उस समय ऑफ-ड्यूटी थी, जब उन्होंने बर्मिंघम सड़क पर एक-दूसरे को धक्का दे रहे स्कूली लड़कों के बीच बीच-बचाव किया था।
पिछले साल 13 अक्टूबर को हुई घटना का मोबाइल फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस ने आईओपीसी को एक कंडक्ट रेफरल भेजा।
क्लिप में, वह स्कूली बच्चों में से एक पर चिल्लाती हुईं दिखाई दे रही है, और फिर उसके गाल पर थप्पड़ मारती है।
जिस लड़के को थप्पड़ मारा गया था, उसके परिवार की ओर से भी शिकायत की गई है।
आईओपीसी की जांच के अनुसार, हमले से लड़के के गाल पर कट लग गया। एक चश्मदीद के पूछने पर उसने खुद को एक पुलिस अधिकारी बताया।
अदालत ने कौर को मारपीट के आरोप में 12 महीने का कम्युनिटी ऑर्डर दिया।
आईओपीसी के क्षेत्रीय निदेशक डेरिक कैंपबेल ने कहा, ''पुलिस अधिकारी केवल तभी बल का प्रयोग कर सकते हैं जब आवश्यक, आनुपातिक और परिस्थितियों में उचित हो। अधिकारी के पास लड़के पर हमला करने का कोई उद्देश्य या कोई अन्य औचित्य नहीं था, जिससे उसके लिए कोई वास्तविक खतरा नहीं था।''
द मेल में कैंपबेल के हवाले से कहा गया, ''पीड़िता की उम्र और संवेदनशीलता स्पष्ट रूप से गंभीर कारक थे और फिर कौर के कार्यों में पुलिसिंग में जनता के विश्वास को कम करने की क्षमता थी। उसे पूरी तरह से जवाबदेह ठहराया गया है।''
--आईएएनएस
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