नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। कनाडा ने बड़ी संख्या में अपने राजनयिकों को भारत से वापस बुलाया है। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति और नई दिल्ली के मामलों में ओटावा के निरंतर हस्तक्षेप को देखते हुए राजनयिक उपस्थिति में समानता होनी जरूरी है।भारत ने इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि समानता बनाए रखने के प्रयास अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन हैं।
"हमने भारत में कनाडाई राजनयिक उपस्थिति के संबंध में 19 अक्टूबर को कनाडा सरकार का बयान देखा है। हमारे द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति, भारत में कनाडाई राजनयिकों की बहुत अधिक संख्या और हमारे आंतरिक मामलों में उनके निरंतर हस्तक्षेप से नई दिल्ली और ओटावा में पारस्परिक राजनयिक उपस्थिति की समानता की जरूरत है।"
विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया है, "हम इसके कार्यान्वयन के तौर-तरीकों पर काम करने के लिए पिछले महीने से कनाड से जुड़े हुए हैं। इस समानता को लागू करने में हमारे कार्य पूरी तरह से वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 11.1 के अनुरूप हैं।"
अनुच्छेद 11.1 के अनुसार, "मिशन के आकार के संबंध में कोई विशेष समझौता नहीं है। मिशन को उचित और सीमा के भीतर रखने की आवश्यकता हो सकती है, जरूरत के हिसाब से।”
बयान में आगे कहा गया, "हम समानता के कार्यान्वयन को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में चित्रित करने के किसी भी प्रयास को खारिज करते हैं।"
--आईएएनएस
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