नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। बहरीन में एक भारतीय मूल के डॉक्टर को इजरायल-हमास संघर्ष के बीच सोशल मीडिया पर कथित फिलिस्तीन विरोधी पोस्ट के लिए रॉयल बहरीन अस्पताल ने नौकरी से निकाल दिया। बाद में डॉक्टर ने माफी मांग ली है। इस संघर्ष में अब तक करीब पांच हजार लोग मारे गये हैं। रॉयल बहरीन अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ. सुनील राव ने एक्स पर इज़राइल का समर्थन करने और आतंकवाद की आलोचना करने वाले पोस्ट लिखे, जिसके कारण उन्हें "तत्काल प्रभाव" से बर्खास्त कर दिया गया।
रॉयल बहरीन अस्पताल ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, "यह हमारे ध्यान में आया है कि डॉ. सुनील राव, जो आंतरिक चिकित्सा में विशेषज्ञ के रूप में काम कर रहे हैं, ने सोशल मीडिया पर ऐसे ट्वीट पोस्ट किए हैं जो हमारे समाज के लिए अपमानजनक हैं। हम पुष्टि करना चाहेंगे कि उनके ट्वीट और विचारधारा व्यक्तिगत हैं और अस्पताल की राय और मूल्यों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं।"
बयान में कहा गया, "यह हमारी आचार संहिता का उल्लंघन है और हमने आवश्यक कानूनी कार्रवाई की है। उनकी सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है।"
उनकी एक्स प्रोफ़ाइल के अनुसार, राव आंतरिक चिकित्सा के विशेषज्ञ हैं, और विशाखापत्तनम में आंध्र मेडिकल कॉलेज और कर्नाटक में कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज के पूर्व छात्र हैं।
पिछले 10 वर्षों से बहरीन में काम कर रहे राव ने पोस्ट करने से पहले स्थिति की संवेदनशीलता को ध्यान में न रखने के लिए माफी मांगी।
राव ने गुरुवार को एक्स पर लिखा, "मैं इस मंच पर अपने द्वारा पोस्ट किए गए बयान के लिए माफी मांगना चाहूंगा। यह वर्तमान घटना के संदर्भ में असंवेदनशील था। एक डॉक्टर के रूप में सभी का जीवन मायने रखता है। मैं इस देश, यहां के लोगों और इसके धर्म का गहराई से सम्मान करता हूं, जैसा कि मैं पिछले 10 वर्षों से यहां हूं।"
यह कहते हुए कि उन्हें 'अपने शब्दों और कार्यों पर गहरा अफसोस है', राव ने अरबी में संदेश भी पोस्ट किया, जिसमें कहा गया कि उन्होंने "वर्तमान घटना के संदर्भ में स्थिति की संवेदनशीलता को ध्यान में नहीं रखा"।
इधर, फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ताजा हमलों में कब्जे वाले वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर पर इजरायली बलों के हमले के बाद पांच बच्चों सहित 13 लोग मारे गए।
गाजा शहर के अल अहली अरब बैपटिस्ट अस्पताल में मंगलवार को हुए घातक बम विस्फोट में कम से कम 471 लोग मारे गए, जिनमें बच्चे, स्वास्थ्य कर्मचारी और आंतरिक रूप से विस्थापित लोग शामिल थे।
इज़राइल द्वारा 11 अक्टूबर से बिजली और ईंधन आपूर्ति बंद करने के बाद गाजा पूरी तरह से अंधेरे में है। वहां का एकमात्र बिजली संयंत्र बंद हो गया है।
मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने कहा कि गाजा की पूरी घेराबंदी जारी है, राफा, इरेज़ और केरेम शालोम क्रॉसिंग बंद हैं।
--आईएएनएस
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