टोरंटो, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। कनाडा के शीर्ष आव्रजन निकाय ने कहा कि उसे उम्मीद है कि हाल ही में राजनयिकों की वापसी के कारण प्रभावित होने वाली भारतीय वीजा प्रक्रिया 2024 की शुरुआत तक सामान्य हो जाएगी।
आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, भारत में कर्मचारियों की कमी से अगले दो महीनों में देश की वैश्विक आव्रजन प्रणाली में 17,500 'अंतिम निर्णयों' का बैकलॉग बनने की उम्मीद है।
सीआईसी न्यूज़ ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि सरकार को उम्मीद है कि '2024 की शुरुआत' तक सामान्य प्रसंस्करण वापस आ जाएगा,।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसे हासिल किया जा सकता है, क्योंकि भारत से निकाला गया आव्रजन स्टाफ खुद को फिर से स्थापित कर लेता है और कनाडा और फिलीपींस में काम पर वापस आ जाता है।
इसके अलावा, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को संकेत दिया कि वीजा सेवाएं, जो पिछले महीने दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद के बाद निलंबित कर दी गई थीं, सुरक्षा स्थिति में सुधार होने पर जल्द शुरू की जा सकती हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ने कनाडा में वीज़ा जारी करना बंद कर दिया है "क्योंकि हमारे राजनयिकों के लिए वीज़ा जारी करने के लिए काम पर जाना अब सुरक्षित नहीं है।"
भारत के इस बात पर कायम रहने के साथ कि वह राजनयिक उपस्थिति में समानता चाहता है, कनाडा ने पिछले सप्ताह अपने 41 राजनयिकों को निकाल लिया। अब केवल 21 ही भारत में तैनात रहेंगे।
आईआरसीसी ने पहले एक बयान जारी कर कहा था कि भारत में उसके कर्मचारियों को 27 से घटाकर सिर्फ पांच सदस्यों तक किया जा रहा है, इसके कारण परिचालन प्रभावित और ग्राहक सेवा प्रभावित होगी।
आईआरसीसी ने कहा कि भारत में उसके शेष कर्मचारी उस काम पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिसके लिए देश में उपस्थिति की आवश्यकता होती है, इसमें तत्काल प्रसंस्करण, वीज़ा प्रिंटिंग, जोखिम मूल्यांकन और प्रमुख भागीदारों की देखरेख, वीज़ा आवेदन केंद्र, पैनल चिकित्सक और आव्रजन चिकित्सा परीक्षा करने वाले क्लीनिक शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बाकी काम और कर्मचारियों को आईआरसीसी के वैश्विक प्रसंस्करण नेटवर्क में फिर से नियुक्त किया जाएगा।
--आईएएनएस
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