जयपुर, 14 सितंबर (आईएएनएस)। राज्य के शहरी विकास आवास (यूडीएच) मंत्री शांति धारीवाल, जिन्हें पहले राजस्थान को ''पुरुषों की भूमि'' कहने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, ने अब कहा है कि कोटा में आत्महत्या के बढ़ते मामलों के पीछे पढ़ाई और प्रेम प्रसंग का दबाव है।उन्होंने बुधवार को कोटा में ऑक्सीजन पार्क का उद्घाटन करते हुए यह बयान दिया।
धारीवाल ने कहा कि कोटा में बच्चे असफल प्रेम प्रसंगों के कारण आत्महत्या कर रहे हैं। बुधवार को भी एक छात्र ने अपनी जान दे दी थी। मंत्री ने सुसाइड नोट का जिक्र करते हुए कहा कि छात्र सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें 'प्रेम प्रसंग' का जिक्र है। उन्होंने कहा कि यहां जितनी भी आत्महत्याएं हुई हैं, उनका सावधानीपूर्वक अध्ययन करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यहां करीब दो से ढाई लाख बच्चे पढ़ने आते हैं, जिनमें से 78 फीसदी यहीं आसपास हॉस्टल में रहते हैं।
कई बार आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफलता की उम्मीद में दूसरे राज्यों से आने वाले लड़के खुद को अन्य छात्रों से पीछे पाते हैं और इस तरह हीन भावना से ग्रस्त हो जाते हैं। हालाँकि वे तैयारी छोड़कर वापस लौटना चाहते हैं, लेकिन माता-पिता का दबाव उन्हें ऐसा करने से रोकता है, जिससे वे अवसाद में चले जाते हैं।
ऐसे मामले सामने आए हैं जहां बच्चों ने 15 दिनों के भीतर आत्महत्या कर ली है। "इसका कारण क्या हो सकता है? प्रेम प्रसंगों के कारण आत्महत्याएं होती हैं। इन कारकों को ध्यान में रखते हुए, हमने सोचा कि क्षेत्र में एक गुणवत्तापूर्ण पार्क तनाव कम करने में उनकी मदद करेगा।"
गौरतलब है कि इस साल कोटा में आत्महत्या के करीब 25 मामले दर्ज किये गये हैं। इनमें से 14 छात्र एक साल से भी कम समय से कोटा में थे। आठ छात्रों ने डेढ़ से पांच माह पहले ही कोचिंग संस्थानों में प्रवेश लिया था।
इसके अलावा आत्महत्या के प्रयास के भी दो मामले सामने आए हैं।
--आईएएनएस
एकेजे