इंदौर, 29 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में एक बार फिर हनी ट्रैप का जिन्न बोतल से बाहर आ रहा है। इस मामले पर सोमवार को इंदौर के जिला न्यायालय में सुनवाई हुई, जहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया गया। राज्य में मुख्यमंत्री के तौर पर डॉ. मोहन यादव के कुर्सी संभालने के बाद हनी ट्रैप मामले के लिए गठित एसआईटी का प्रमुख आदर्श कटियार को बनाया गया। यह मामला इंदौर की अदालत में लंबित है।
दरअसल, मई 2021 में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बयान दिया था कि हनी ट्रैप की सीडी और पेन ड्राइव उनके पास है। इसी को लेकर एसआईटी की ओर से कमलनाथ को नोटिस जारी किया गया था। इसी मामले को लेकर सोमवार को जिला अदालत में सुनवाई हुई, जिसमें सरकारी वकील अभिजीत सिंह राठौड़ ने अदालत को बताया कि कमलनाथ की ओर से सहयोग नहीं मिल रहा है और एसआईटी प्रमुख में बदलाव हुआ है। मार्गदर्शन हासिल कर जवाब अदालत में पेश किया जाएगा।
वहीं, एक आरोपी ने जब्त मोबाइल की मांग की थी। मगर, एसआईटी के वकील ने आपत्ति जताई क्योंकि वह अनुसंधान का हिस्सा है। मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी।
हनी ट्रैप का मामला 17 सितंबर 2019 को तब सामने आया था, जब नगर निगम के एक इंजीनियर से तीन महिलाओं ने अश्लील वीडियो होने का दावा करते हुए 3 करोड़ रुपए की मांग की थी। यह मामला इंदौर के पलासिया थाने में दर्ज हुआ था। इस मामले में पांच महिलाओं सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले के खुलासे के बाद सियासी और प्रशासनिक गलियारों में हलचल मच गया था।
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