नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) ने भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल परिषद के साथ एक समझौता किया है, जिससे दिव्यांगों को निजी क्षेत्रों में नौकिरयों की संभावना सृजित हो सकें।सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि 8 मार्च को ही समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। इसके तहत दिव्यांगों को कुशल व दक्ष बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा, ताकि उनके लिए निकट भविष्य में नौकरियां सृजित हो सके।
डीईपीडब्ल्यूडी और ईएसएससीआई मिलकर दिव्यांगों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे जो उद्योग की मांगों के अनुरूप होगा और प्लेसमेंट प्रदान करेगा।
मंत्रालय के मुताबिक, "इस पहल का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगों के लिए निकट भविष्य में स्थायी आजीविका और वैश्विक स्तर पर कार्यबल तैयार करना है।"
व्यावसायिक प्रशिक्षण के अलावा ईएसएससीआई प्रशिक्षुओं के लिए निर्बाध प्लेसमेंट अवसर सुनिश्चित करने के लिए संभावित नियोक्ताओं और औद्योगिक नेटवर्क के साथ जुड़ाव की सुविधा भी प्रदान करेगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि प्लेसमेंट न्यूनतम वेतन अधिनियम और उद्योग बेंचमार्क के अनुरूप मासिक वेतन की गारंटी देगा।
इसके अलावा, ईएसएससीआई न्यूनतम तीन महीने के लिए काउंसलिंग और ट्रैकिंग के साथ पोस्ट-प्लेसमेंट सेवाएं भी प्रदान करेगा।
मंत्रालय ने कहा, "यह सहयोग समावेशिता और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो दिव्यांगजनों के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में सक्षम वातावरण बनाने के लिए डीईपीडब्ल्यूडी और ईएसएससीआई की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।"
--आईएएनएस
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