नई दिल्ली (आई-ग्रेन इंडिया)। केन्द्रीय खाद्य सचिव ने उद्यमियों (दाल मिलर्स), व्यापारियों- स्टॉकिस्टों एवं आयातकों को आगाह करते हुए कहा है कि यदि तुवर एवं उड़द की कीमतों में शीघ्र ही नरमी नहीं आई और आपूर्ति तथा उपलब्धता की स्थिति सामान्य नहीं हुई तो सरकार स्वयं विदेशों से इसका आयात कर सकती है। उनका कहना था कि इन दोनों दलहनों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार कोई भी कदम उठाने से नहीं हिचकेगी।
10 मई को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में इंडियन पल्सेस एंड ग्रेन एसोसिएशन-मुंबई , तमिलनाडु दाल मिलर्स एसोसिएशन, एसोसिएशन ऑफ़ पल्सेस इम्पोर्टर्स- तूतीकोरिन, OATA-म्यांमार तथा आई-ग्रेन इंडिया भी उपस्थित थे।
बैठक में खाद्य सचिव ने स्पष्ट कहा है कि यदि स्थिति नियंत्रण में आने के संकेत नहीं मिले तो आयातकों के बजाए सरकार स्वयं ही दलहनों का आयात शुरू कर सकती है और जल्दी ही इसके लिए अधिसूचना जारी की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि बर्मा लेमन तुवर का भाव 1 मार्च 2022 को 835 डॉलर प्रति टन चल रहा था जो 14 महीनों में 245 डॉलर उछलकर 9 मई 2023 को 1,080 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया। इससे भारतीय बाजार में भी तुवर का दाम बढ़ गया।
उधर उपभोक्ता मामले विभाग ने दलहन स्टॉक की जांच के आदेश दिए हैं जिसमें एक दर्जन प्रमुख कंपनियां, व्यापारी, स्टॉकिस्ट एवं आयातक शामिल हैं।
शीर्ष व्यापारिक संस्था- इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (इपगा) के मुताबिक वर्तमान समय में म्यांमार में 80 हजार से एक लाख टन के बीच तथा पूर्वी अफ्रीकी देशों में 40-50 हजार टन तुवर का स्टॉक उपलब्ध है। सूडान में गृह युद्ध की स्थिति होने से 6-7 हजार टन तुवर की खेप बंदरगाहों पर अटकी हुई है।
सरकार को कल्याणकारी योजनाओं में वितरण के लिए तुवर के बजाए अन्य दलहनों की खरीद का टेंडर जारी करने तथा पीली मटर का आयात शुरू करने का सुझाव दिया गया लेकिन इसका आयात खर्च चना के दाम से ऊपर रखने की सलाह भी दी गई।
उधर म्यांमार की संस्था- OATA के आंकड़ों से पता चलता है कि वहां से 30 अप्रैल तक 1.55 लाख टन तुवर एवं 1.78 लाख टन उड़द का निर्यात किया गया जबकि मई में निर्यात बढ़ने की उम्मीद है। वहां अगले सीजन में म्यांमार में 3.50 लाख टन तुवर के उत्पादन की संभावना व्यक्त की गई है।
संस्था के मुताबिक किसानों द्वारा स्टॉक रोके जाने से निर्यातकों के पास उड़द का बहुत कम स्टॉक बचा हुआ है। म्यांमार में करीब 5.00-5.50 लाख टन उड़द का स्टॉक मौजूद होने का अनुमान है।
तमिलनाडु दाल मिलर्स एसोसिएशन के अनुसार पहले के मुकाबले पोर्ट पर पडे स्टॉक को बाज़ारों में अधिक से अधिक भेजा जा रहा है।
एसोसिएशन ऑफ़ पल्सेस इम्पोर्टर्स- तूतीकोरिन के सदस्य ने कहा कि तूतीकोरिन पोर्ट पर तुवर और उड़द का आयात कम होता है, मसूर का अधिक। सरकार को अमेरिकन मसूर निर्यात नियम अन्य देशों की तरह करने चाहिए, साथ ही रूस से भी मसूर का आयात किया जा सकता है।