नई दिल्ली। केन्द्रीय खाद्य उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार 2023 के रबी मार्केटिंग सीजन में गेहूं की कुल सरकारी खरीद बढ़कर 260 लाख टन से ऊपर पहुंच चुकी है जो पिछले सीजन की सकल खरीद से काफी अधिक है।
केन्द्रीय पूल में गेहूं एवं चावल के साथ खाद्यान्न का कुल स्टॉक भी सुधरकर 579 लाख टन से आगे निकल गया है।
चालू रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान न्यूतनम समर्थन मूल्य पर 21 लाख से अधिक किसानों से 47,000 करोड़ रुपए मूल्य का गेहूं खरीदा गय। अब तक गेहूं की खरीद प्रक्रिया निर्बाध रूप से जारी है। 30 मई 2023 तक कुल 262 लाख टन गेहूं की खरीद हुई जो पिछले मार्केटिंग सीजन की सम्पूर्ण अवधि की खरीद 188 लाख टन से 74 लाख टन ज्यादा है।
इस बार करीब 21.27 लाख किसानों से गेहूं खरीदा जा चुका है और उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना का लाभ मिला। गेहूं की खरीद पर 47 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए।
केन्द्रीय पूल के लिए गेहूं की खरीद में तीनों राज्यों- पंजाब, मध्य प्रदेश तथा हरियाणा का सर्वाधिक योगदान रहा। सरकारी एजेंसियों द्वारा इस बार पंजाब से 121.27 लाख टन, मध्य प्रदेश से 70.98 लाख टन एवं हरियाणा से 63.17 लाख टन गेहूं खरीदा गया।
ज्ञात हो कि चालू सीजन के लिए पंजाब में 132 लाख टन, मध्य प्रदेश में 80 लाख टन तथा हरियाणा में 75 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जबकि राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं खरीद का कुल लक्ष्य 341.50 लाख टन नियत हुआ था।
इसके मुकाबले सरकारी खरीद काफी कम हुई।
खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू वर्ष के दौरान जून की अपेक्षाकृत अधिक खरीद होने का एक महत्वपूर्ण कारण यह रहा कि सरकार ने बेमौसमी वर्षा, आंधी-तूफान एवं ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित गेहूं के लिए गुणवत्ता सम्बन्धी मानकों में काफी रियायत दी थी। इसके अलावा गांव / पंचायत स्तर पर सरकारी क्रय केन्द्र खोले गए और सहकारी समितियों / ग्राम पंचायतों तथा आढ़तियों के मध्य से गेहूं की खरीद करवाई गई।
हालांकि औपचारिक तौर पर गेहूं की खरीद का अभियान अभी कुछ राज्यों में जारी है और सरकार ने कहा है कि यदि किसान क्रय केन्द्रों पर अपना गेहूं लाता है तो उसकी खरीद अवश्य की जाएगी लेकिन वास्तव में खरीद की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो चुकी है और अब कुल सरकारी स्टॉक में ज्यादा वृद्धि की उम्मीद नहीं है।