नई दिल्ली। घरेलू प्रभाग में दो महत्वपूर्ण दलहन- अरहर (तुवर) एवं उड़द की आपूर्ति उपलब्धता बढ़ाने एवं कीमतों पर अंकुश लगाने के अपने नियमित प्रयास के तहत केन्द्र सरकार ने अब सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है।
केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा भारत के राजपत्र (गजट) में एक आदेश जारी किया गया है जिसके तहत तुवर एवं उड़द पर तत्काल प्रभाव से स्टॉक सीमा लागू कर दी गई है और विभिन्न सम्बद्ध पक्षों के लिए इन दोनों दलहनों के स्टॉक की मात्रा भी निर्धारित की गई है।
विशिष्ट खाद्य पदार्थों पर लाइसेंस की जरूरत, स्टॉक सीमा एवं संचालन प्रतिबंध के उन्मूलन (संशोधन) आदेश 2023 में कहा गया है कि अब थोक विक्रेता एक समय में तुवर एवं उड़द के 200-200 टन से अधिक का स्टॉक अपने पास नहीं रख सकते हैं।
इसी तरह खुदरा व्यापारियों के लिए अधिकतम स्टॉक सीमा 5-5 टन नियत की गई है। बड़ी-श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेता (बिग चेन रिटेलर्स) अपने खुदरा आउटलेट पर तुवर एवं उड़द का अधिकतम 5-5 टन तथा डिपो में 200 टन स्टॉक रख सकते हैं।
दाल मिलर्स के लिए इन दोनों दलहनों के स्टॉक की अधिकतम सीमा पिछले तीन माह के उत्पादन अथवा वार्षिक संचित क्षमता का 25 प्रतिशत (जो भी अधिक हो) नियत की गई है।
जहां तक आयातकों का सवाल है तो उसके बारे में आदेश में कहा गया है कि वे कस्टम क्लीयरेंस की तिथि से 30 दिनों से ज्यादा आयातित समय तक अपने आयातित दलहनों का स्टॉक नहीं रखेंगे और इस अवधि के अंदर उसे बाजार में उतारना होगा।
इसके साथ-साथ उपभोक्ता मामले विभाग के आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी उपरोक्त पक्ष इस विभाग के पोर्टल पर नियमित रूप से अपने स्टॉक का ब्यौरा प्रस्तुत करेंगे और अगर उनके पास उपलब्ध स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है तो अगले एक माह (30 दिन) के भीतर उसे स्टॉक को घटाकर इस सीमा में लाना होगा।
यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल पर दाल-दलहन के स्टॉक की नियमित घोषणा की जाए और उसे अपडेट (अघतन) भी किया जाए। देश के सभी राज्यों तथा संघ शासित प्रदेशों में यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू माना जाएगा।