iGrain India - नई दिल्ली । महाराष्ट्र एवं कर्नाटक के प्रमुख गन्ना उत्पादक जिलों में इस वर्ष उम्मीद से कम वर्षा होने के कारण 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में फसल की औसत उपज दर में गिरावट आने की संभावना है।
मालूम हो कि देश में चीनी का आधा से अधिक उत्पादन इन्हीं दो राज्यों में होता है। गन्ना की कम उपलब्धता के कारण चीनी का उत्पादन 3-4 प्रतिशत तक घटने का अनुमान है।
समीक्षकों का कहना है कि कमजोर आपूर्ति एवं मजबूत मांग के कारण आगामी समय में चीनी के दाम में 2-3 प्रतिशत की और बढ़ोत्तरी हो सकती है। आपूर्ति घटने की आशंका को देखते हुए सरकार ने इस बार चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना जारी करके चीनी के निर्यात पर लगी रोक की समय सीमा को 31 अक्टूबर से अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया है।
विश्लेषकों के मुताबिक इस बार एथनॉल निर्माण के लिए भी गन्ना का उपयोग बढ़ने की उम्मीद है। पिछले सीजन में करीब 40 लाख टन चीनी के समतुल्य गन्ना का इस्तेमाल एथनॉल निर्माण में हुआ था जबकि चालू सीजन में इसकी मात्रा 45 लाख टन तक पहुंच सकती है।
एक अग्रणी रेटिंग एजेंसी का मानना है कि निर्यात में गिरावट आने के बावजूद चीनी का भाव ऊंचा एवं तेज रहने से सूक्ष्म लघु एवं मध्यम श्रेणी की इकाइयों का मार्जिन आगामी तिमाही के दौरान बढ़ने के आसार है क्योंकि शुगर सेगमेंट में उसकी सक्रियता बढ़ रही है।
चीनी दाम में मजबूत का माहौल लम्बे अरसे से बरकरार है और निकट भविष्य में इसमें नरमी आने की संभावना बहुत कम है। सरकार अपनी ओर से चीनी के दाम को स्थिर रखने का हर संभव प्रयास कर रही है।
इसके तहत उसने नवम्बर माह में बिक्री के लिए 15 लाख टन चीनी का एडवांस फ्रीसेल कोटा भी जारी कर दिया है। लेकिन बाजार में नरमी का कोई ठोस संकेत नहीं मिल रहा है। त्यौहारी मांग का भी बाजार पर सकारात्मक असर देखा जा रहा है।