iGrain India - नई दिल्ली । एक अध्ययन- विश्लेषण रिपोर्ट में चालू खरीफ सीजन के दौरान अरहर (तुवर), उड़द एवं मूंगफली का घरेलू उत्पादन घटकर पिछले तीन साल के निचले स्तर पर सिमट जाने का अनुमान लगाया गया है जबकि चावल के उत्पादन में बढ़ोत्तरी की संभावना व्यक्त की गई है।
विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार 2023-24 के मौजूदा खरीफ सीजन में तुवर का उत्पादन घटकर 32.20-32.70 लाख टन के बीच सिमट सकता है जो 2022-23 सीजन के अनुमानित उत्पादन 33.10 लाख टन से 2.7 प्रतिशत कम है।
इसी तरह उड़द का उत्पादन 2022-23 सीजन के 17.70 लाख टन से 9-15 प्रतिशत गिरकर इस बार 15-16 लाख टन के आसपास रह सकता है। मूंगफली का उत्पादन भी इसी अवधि में 85.60 लाख टन से 4-7 प्रतिशत गिरकर 79-82 लाख टन रह जाने की संभावना है। लेकिन चावल का उत्पादन 1105.10 लाख टन से बढ़कर 1130-1150 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान न केवल तुवर एवं उड़द के क्षेत्रफल में गिरावट आई बल्कि मौसम एवं मानसून की हालत भी अनुकूल नहीं रही। अगस्त माह में वर्षा पिछले 120 वर्षों में सबसे कम हुई जबकि तापमान सबसे ऊंचा रहा।
इसके फलस्वरूप कई क्षेत्रों में तुवर एवं उड़द की फसल झुलस गई। इसे देखते हुए दोनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- महाराष्ट्र एवं कर्नाटक के कृषि विभाग ने तुवर का उत्पादन पिछले सीजन से कम होने का अनुमान लगाया है। आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के साथ-साथ गुजरात में भी तुवर की फसल कमजोर बताई जा रही है।
जहां तक उड़द की बात है तो इसका क्षेत्रफल गत वर्ष से कम रहा और मौसम की प्रतिकूल स्थिति से इसकी औसत उपज दर में भी कमी आने की संभावना है।
कुछ समीक्षकों का मानना है कि विश्लेषण रिपोर्ट में तुवर एवं उड़द के उत्पादन में आने वाली गिरावट को कम करके आंका गया है जबकि वास्तविक गिरावट इससे ज्यादा हो सकती है। इससे घरेलू बाजार भाव मजबूत रह सकता है। कर्नाटक में तुवर के नए माल की आवक दिसंबर में शुरू होगी जबकि महाराष्ट्र में नया माल जनवरी में ज्यादा आता है।