iGrain India - नई दिल्ली । अमरीका की राष्ट्रीय मौसम एजेंसी- नोआ ने वर्ष 2023 को वैश्विक स्तर पर अब तक का सबसे गर्म साल बताते हुए कहा है कि भारत में कम से कम 20 प्रतिशत क्षेत्र अभी गंभीर सूखे की चपेट में फंसा हुआ है।
मौसम एजेंसी के मुताबिक इंडिया ड्राउट मॉनिटर पर इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि भारत के उत्तरी, पूर्वी एवं दक्षिण-पश्चिमी तटीय भाग में सूखे की स्थिति बनी हुई है और इस तरह देश का लगभग 21.6 प्रतिशत हिस्सा सूखे की चपेट में है।
इससे भारत में गहरी चिंता उत्पन्न हो गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर के आरंभ से अब तक देश के एक-तिहाई से अधिक भाग में बारिश का भारी अभाव देखा जा रहा है। नोआ का आंकड़ा 13 अक्टूबर तक का है।
नोआ के अनुसार सितम्बर का महीना एशिया के बहुत विशाल क्षेत्र में सामान्य स्तर से ज्यादा शुष्क एवं गर्म मौसम रहा। सितम्बर में औसत वैश्विक तापमान 20 वीं शताब्दी के औसत स्तर 15 डिग्री सेल्सियस से 1.44 डिग्री सेल्सियस ऊपर रहा। अमरीका की एक अन्य एजेंसी के अनुसार इस बात के 99 प्रतिशत से ज्यादा आसार हैं कि 2023 का साल विश्व पर अब तक का सबसे गर्म वर्ष साबित हो सकता है।
सितम्बर का महीना पिछले 174 वर्षों में सबसे गर्म रहा। इससे दुनिया के कई भागों में कृषि एवं सम्बन्धित क्षेत्र प्रभावित हुआ। वहां कम बारिश होने से पानी का संकट बढ़ गया और खेतों की मिटटी सूख गई। सभी महाद्वीपों में इससे कृषि उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
लगातार छठे माह-सितम्बर में विश्व स्तर पर महासागरों की सतह का मासिक तापमान रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर बरकरार रहा। अगस्त में यह सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा था। उस समय भारत सहित कई देशों में बारिश का भारी अभाव रहा।
ऑस्ट्रेलियाई मौसम ब्यूरो ने भी कुछ इसी तरह का अनुमान लगाया है। उसका कहना है कि अप्रैल-सितम्बर 2023 की छमाही के दौरान वैश्विक स्तर पर समुद्र की सतह का तापमान अब तक का सबसे ऊंचा रहा।
प्रशांत महासागर के उत्तरी, पश्चिमी एवं दक्षिणी-पश्चिमी भाग के साथ-साथ अटलांटिक महासागर एवं हिन्द महासागर में भी समुद्र की सतह का तापमान काफी ऊंचा रहा।
यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी अमरीका एवं दक्षिणी अमरीका महाद्वीप के लिए इस बार सितम्बर का महीना सबसे ज्यादा गर्म रहा जबकि एशिया में यह दूसरा एवं ऑस्ट्रेलिया में तीसरा सबसे गर्म महीना साबित हुआ।