iGrain India - पुणे । केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (कानून) का सरासर उल्लंघन करने के लिए महाराष्ट्र में 45 सहकारी चीनी मिलों को बंद करने का आदेश दिया है।
इससे वहां भारी खलबली मची हुई है। महाराष्ट्र में 190 से अधिक चीनी मिलें हैं जिसमें से 105 इकाइयां सहकारी क्षेत्र में स्थित हैं। वहां इस बार 1 नवम्बर से चीनी मिलों को गन्ना की क्रशिंग शुरू करने की अनुमति दी गई है। यह पहला अवसर है जब राज्य में एक साथ इतनी अधिक संख्या में चीनी मिलों को बंद करने का नोटिस जारी किया गया है।
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजे एक पत्र में सीपीसीबी ने कहा है कि उसने पर्यावरण संरक्षण कानून की धारा 5 के तहत दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने वाली इकाइयों को बंद करने का आदेश जारी किया है। इन इकाइयों में ऑन लाइन कंटीनुअस इमिशन / एफ्लुएंट मॉनिटरिंग सिस्टम अभी तक नहीं लगाया गया है या फिर अधिसूचित मानकों / अन्य कमियों को पूरा नहीं किया गया है।
मालूम हो कि धारा 5 के अंतर्गत केन्द्र सरकार को कई मामलों में निर्देश देने का अधिकार प्राप्त है जिसमें किसी इकाई को बंद करना, निषेध या विनियमित करना, कार्य संचालन या प्रक्रिया रोकना अथवा बिजली और पानी की आपूर्ति को बंद करना तथा किसी अन्य सेवा को अवरुद्ध करना आदि शामिल है।
पत्र में कहा गया है कि सीपीसीबी यह उम्मीद कर रहा है कि प्रांतीय बोर्ड उसके दिशा निर्देशों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा और इन चीनी मिलों को बंद करवाएगा। वह इन इकाइयों को बिजली की आपूर्ति बंद करने के लिए राज्य बिजली बोर्ड से कहेगा। प्रांतीय बोर्ड को पूरी सूचना देने के लिए भी कहा गया है। 10 नवम्बर तक उससे रिपोर्ट मांगी गई है।