iGrain India - नई दिल्ली । खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत वर्तमान समय में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा आयोजित की जाने वाली साप्ताहिक ई-नीलामी के तहत 2 लाख टन गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया जा रहा है जबकि सरकार ने अगले महीने से साप्ताहिक बिक्री की मात्रा को बढ़ाकर 3 लाख टन नियत करने का फैसला किया है।
इसका उद्देश्य कीमतों पर अंकुश लगाना है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार खाद्य निगम के पास गेहूं का अधिशेष स्टॉक मौजूद है इसलिए बिक्री का ऑफर बढ़ाने में कोई समस्या नहीं होगी। सरकार को डर है कि नवम्बर में गेहूं एवं इसके उत्पादों का भाव कुछ और तेज हो सकता है क्योंकि त्यौहारी सीजन की मांग मजबूत रहेगी।
इसके साथ-साथ नई निविदा शर्तों के तहत प्रत्येक खरीदार को 200 टन तक गेहूं खरीदने की अनुमति दी जाएगी जो फिलहाल 100 टन तक ही नियत है।
लेकिन जमाखोरी की संभावना को समाप्त करने के लिए पहले ही यह नियम लागू हो चुका है कि जिन खरीदारों के पास गेहूं प्रोसेसिंग प्लांट या सुविधा मौजूद नहीं है वे साप्ताहिक ई-नीलामी में भाग नहीं ले सकते हैं।
इसका स्पष्ट मतलब यह है कि केवल मिलर्स, प्रोसेसर्स एवं खाद्य उत्पादों के निर्माता ही इस सरकारी गेहूं की खरीद के लिए साप्ताहिक ई-नीलामी में भाग ले सकते हैं।
भारतीय खाद्य निगम द्वारा ओएमएसएस के तहत अब तक 27.50 लाख टन से अधिक गेहूं बेचा जा चुका है जबकि सरकार ने इस योजना में कुल 50 लाख टन गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया है। उसका कहना है कि यदि आवश्यकता पड़ी तो इस ऑफर को और बढ़ाया जा सकता है।
28 जून से ही साप्ताहिक ई-नीलामी के जरिए सरकारी गेहूं की बिक्री हो रही है। पिछली नीलामी 26 अक्टूबर को हुई जिसमें 2 लाख टन ऑफर के सापेक्ष 1.90 लाख टन गेहूं की बिक्री हुई। गेहूं की खरीद में मिलर्स-प्रोसेसर्स की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है लेकिन इसके बावजूद खुले बाजार में गेहूं का भाव नीचे आने का नाम नहीं ले रहा है।