iGrain India - नई दिल्ली । देश के 150 प्रमुख बांधों- जलाशयों में पानी का स्तर चालू सप्ताह के दौरान 2 प्रतिशत बिंदु और घट गया। देश के दो-तिहाई भाग में बारिश का अभाव देखा जा रहा है। चालू माह के आरंभ से ही वहां वर्षा नहीं या नगण्य हुई है।
केन्द्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार इन जलाशयों में पानी की कुल भडांरण क्षमता 178.784 बीसीएम है। पिछले सप्ताह उसमें 73 प्रतिशत या बीसीएम जल का भंडारण मौजूद था जो चालू सप्ताह में गिरकर 71 प्रतिशत या 127.591 बीसीएम रह गया।
5 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह के बाद से पानी के भंडार में 3 प्रतिशत बिंदु की गिरावट आ चुकी है क्योंकि देश के महत्वपूर्ण नहीं उद्गम क्षेत्रों में वर्षा का भारी अभाव बना हुआ है।
जलाशयों में पानी का भंडार 10 वर्षीय औसत से नीचे है। जलाशयों में पानी का स्तर गत वर्ष से 9 प्रतिशत एवं 10 वर्षीय औसत से 21 प्रतिशत नीचे आ गया है।
दक्षिण भारत में स्थिति और भी खराब है। वहां जलाशयों में कुल भंडारण क्षमता का महज 50 प्रतिशत पानी बच गया है जिससे कई क्षेत्रों में पेयजल का संकट उत्पन्न हो गया है।
कई क्षेत्रों में खरीफ फसलें सूख गई हैं और आगे रबी फसलों की बिजाई के प्रति चिंता बढ़ने लगी है। दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्र में जलाशयों में केवल 24.574 बीसीएम पानी बचा हुआ है जो उसकी कुल भंडारण क्षमता का महज 46 प्रतिशत है। कर्नाटक में यह 35 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 56 प्रतिशत, केरल में 22 प्रतिशत एवं तमिलनाडु में जलस्तर 53 प्रतिशत पर आ गया है।
मौसम विभाग के अनुसार देश के जिन 713 जिलों से आंकड़ा संग्रहित किया गया है उसमें से 37 प्रतिशत जिलों में वर्षा का भारी अभाव रहा, 19 प्रतिशत जिलों में बारिश सामान्य औसत से कम हुई जबकि 7 प्रतिशत जिलों में बारिश बिल्कुल नहीं हुई।
पंजाब में जल स्तर में कुछ सुधार आया है जबकि बंगाल में यह घट गया है। महाराष्ट्र में भी चालू सप्ताह के दौरान जलाशयों में पानी का स्तर कुछ बढ़ गया है लेकिन यूपी, बिहार एवं छत्तीसगढ़ में काफी नीचे है।