iGrain India - ब्रिसबेन । चालू सप्ताह के दौरान जारी अपनी अंतर्राष्ट्रीय कृषि व्यापार रिपोर्ट में अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) ने कन्फर्म किया है कि ऑस्ट्रेलिया, भारत और कनाडा संसार के तीन सबसे प्रमुख चना (काबुली सहित) निर्यातक देश है।
वर्ष 2022 में इसके कुल वैश्विक व्यापार में इन तीन देशों की भागीदारी 40 प्रतिशत से अधिक रही। ऑस्ट्रेलिया में 2016 एवं 2017 की तुलना में चना का उत्पादन काफी घट गया है लेकिन फिर भी वह इसका सबसे प्रमुख निर्यातक देश बना हुआ है। भारत और कनाडा से मुख्यत: काबुली चना का निर्यात होता है।
उस्डा ने चना के वैश्विक कारोबार पर भारत की नीति एवं इसके सीमा शुल्क के प्रभाव को भी अपनी रिपोर्ट में रेखांकित किया है। रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया में चना का सबसे प्रमुख उत्पादक देश है।
वहां वर्ष 2021 में इसका उत्पादन उछलकर 119 लाख टन पर पहुंचा जो वर्ष 2012 के उत्पादन की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा रहा। रिपोर्ट में वर्ष 2022 के दौरान भारत में केवल 5 करोड़ डॉलर मूल्य के चना का आयात होने का आंकड़ा दिया गया है जो वर्ष 2017 के रिकॉर्ड स्तर 1.30 अरब डॉलर की तुलना में नगण्य है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में भारत ने लगभग 90 प्रतिशत चना का आयात अफ्रीकी देश तंजानिया से किया था।
उस्डा की विदेश कृषि सेवा (फास) की एक रिपोर्ट के अनुसार 2016-17 सीजन के दौरान ऑस्ट्रेलिया में 20 लाख टन से भी अधिक चना का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था जिसके 62 प्रतिशत भाग का निर्यात अकेले भारत को किया गया था।
लेकिन उसके बाद भारत सरकार ने चना के आयात पर भारी-भरकम सीमा शुल्क लागू कर दिया और इसके साथ ही इसका आयात घटकर 1 प्रतिशत से भी नीचे आ गया। इसे देखते हुए ऑस्ट्रेलिया के निर्यातकों ने नए-नए बाजारों की तलाश आरंभ कर दी।
इसमें कुछ देर हुई और वहां चना का उत्पादन घट गया। लेकिन वर्ष 2018 से चना के उत्पादन एवं निर्यात में पुनः सुधार आने लगा क्योंकि उसे पाकिस्तान एवं बांग्ला देश जैसा बाजार मिल गया।
वर्ष 2022 में ऑस्ट्रेलिया से करीब 80 प्रतिशत चना का निर्यात इन दोनों देशों को किया गया। भारत सरकार की गति का अमरीकी चना के निर्यात पर भी असर पड़ा।
वर्ष 2019 में भारत सरकार ने बदले की कार्रवाई के तहत अमरीका के 28 उत्पादों पर सीमा शुल्क लगा दिया जिसमें चना भी शामिल था। इसके फलस्वरूप अमरीका से भारत को इसका निर्यात वर्ष 2022 में बंद हो गया जबकि 2019 में 64 डॉलर मूल्य के चना का शिपमेंट किया गया था।