iGrain India - परानागुआ । यह चर्चा काफी जोर शोर से चल रही है कि ब्राजील के बंदरगाह पर नवम्बर शिपमेंट के लिए चीन को निर्यात हेतु जिन 10 जहाजों पर सोयाबीन की लोडिंग हो रही थी उसमें से करीब 8 जहाजों का अनुबंध कैंसिल हो गया है।
अनेक अग्रणी वैश्विक निर्यात कंपनियां इसमें शामिल है। वैसे फिलहाल इन अनुबंधों के निरस्त होने की खबर की पूरी तरह पुष्टि नहीं हुई है लेकिन अफवाह तेजी से फैलती जा रही है। कुछ जानकारों का कहना है कि सात-आठ तो नहीं लेकिन 2-3 सौदों के निरस्त होने की खबर मिल रही है।
दरअसल नवम्बर शिपमेंट के लिए चीन को होने वाले निर्यात के तहत सोयाबीन का सीएफआर बेसिस मूल्य अमरीकी खाड़ी क्षेत्र से होने वाली बिक्री की तुलना में कुछ कम प्रतिस्पर्धी है। अमरीकी सोयाबीन के मुकाबले ब्राजीलियन सोयाबीन का भाव 5 से 15 सेंट प्रति बुशेल तक ऊंचा बैठ रहा है।
एक विश्लेषक के अनुसार ब्राजील में सोयाबीन क्रशिंग का मार्जिन चीन से बेहतर प्रतीत होता है जिसका मतलब यह है कि जिन बड़ी-बड़ी कंपनियों के क्रशिंग प्लांट विभिन्न देशों में अवस्थित हैं वे कंपनियां इस बात का चुनाव कर सकती हैं कि किस प्लांट में सोयाबीन की क्रशिंग से बेहतर मुनाफा हो सकता है।
यदि आयातकों द्वारा अनुबंधों को निरस्त किया जाता है तो निर्यातक इसे स्वीकार कर सकते हैं क्योंकि वर्तमान समय में ब्राजील में सोयाबीन की क्रशिंग करना और उसके मूल्य संवर्धित उत्पादों का निर्यात करना सोयाबीन के शिपमेंट की तुलना में ज्यादा आकर्षक या लाभप्रद है।
एक अन्य समीक्षक का कहना है कि चीन में पशु- आहार निर्माण में सोयामील का उपयोग घटाया जा रहा है ताकि पशु पालकों को पूर्व में हुए घाटे को कम करने में सहायता मिल सके। इसे देखते हुए चीन के आयात ब्राजील से अपेक्षाकृत महंगे दाम पर सोयाबीन का आयात करने से हिचक सकते है।