iGrain India - मुम्बई । घरेलू उत्पादन कम होने तथा मांग मजबूत रहने से तुवर का भाव काफी ऊंचा चल रहा है जिससे विदेशों से इसके भारी आयात की आवश्यकता पड़ रही है। तुवर का आयात मुख्यत: म्यांमार एवं अफ्रीका से होता है।
अफ्रीका महाद्वीप के मोजाम्बिक, मलावी एवं सूडान जैसे देशों से तुवर का अच्छा आयात हो रहा है। वहां नई फसल की आवक पहले ही शुरू हो चुकी है जिससे आगामी कुछ महीनों तक भारत में इसकी अच्छी आपूर्ति हो सकती है।
मोजाम्बिक के बंदरगाहों पर तुवर की कुछ खेपों को बेवजह रोका जा रहा है। इसके लिए भारत में मोजाम्बिक के हाई कमिश्नर से पिछले दिनों बातचीत भी की गई।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के शुरूआती पांच महीनों में यानी अप्रैल से अगस्त 2023 के दौरान देश में तुवर का आयात बढ़कर 2.11 लाख टन पर पहुंच गया जो पिछले साल के इन्हीं महीनों के कुल आयात 1.06 लाख टन से करीब दोगुना है।
वर्ष 2021 की समान अवधि में 1.45 लाख टन तुवर का आयात हुआ था। चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल में 83 हजार टन, मई में 38 हजार टन, जून में 30 हजार टन, जुलाई में 21 हजार टन तथा अगस्त में 38 हजार टन से कुछ अधिक तुवर का आयात किया गया।
वर्ष 2022 के दौरान अप्रैल में 55 हजार टन, मई में 6700 टन, जून में 15 हजार टन, जुलाई में 7 हजार टन तथा अगस्त में 23 हजार टन अरहर का आयात हुआ था।
वित्त वर्ष 2022-23 की सम्पूर्ण अवधि (अप्रैल-मार्च) के दौरान देश में तुवर का कुल आयात बढ़कर 8.95 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया जो वित्त वर्ष 2021-22 के सकल आयात 8.40 लाख टन से भी ज्यादा रहा। इससे पूर्व देश में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 4.43 लाख टन एवं 2019-20 में 4.50 लाख टन तुवर का आयात किया गया था।
घरेलू प्रभाग में अरहर की नई फसल की कटाई-तैयारी कर्नाटक एवं महाराष्ट्र में दिसम्बर-जनवरी में आरंभ होगी। मौसम की हालत अनुकूल नहीं होने से वहां फसल कमजोर है जिससे इसके उत्पादन में एक बार फिर गिरावट आने की आशंका है। तुवर का बिजाई क्षेत्र भी इस बार घटा है।