iGrain India - अधिक बिजाई के समाचारों से जीरा कीमतों में मंदा
चेन्नई। चालू सप्ताह के दौरान जीरा की कीमतों में गिरावट बनी रही। उत्पादक केन्द्रों पर अधिक बिजाई होने के समाचारों से जीरे में लिवाल कम रहा वायदा बाजार में भी भाव दिन-प्रतिदिन मंदे के साथ बोले गए। हालांकि उत्पादक केन्द्रों पर जीरे का स्टॉक कम माना जा रहा है लेकिन लोकल एवं निर्यात मांग का अभाव होने से कीमतों में गिरावट जारी रही।
वायदा बाजार
वायदा बाजार में जीरे की कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि गत 8 सितम्बर को नवम्बर माह का वायदा 66680 रुपए के स्तर पर बोला जा रहा था जोकि चालू सप्ताह में 46900 रुपए बनने के पश्चात अंतिम कार्य दिवस पर 47695 रुपए पर बंद हुआ है। चालू सप्ताह के शुरू में दिसम्बर माह का जीरा 54685 रुपए खुला था जोकि 47365 रुपए नीचे में बनने के पश्चात 48120 रुपए पर बंद हुआ है।
वायदा के मंदे समाचारों एवं हाजिर में कमजोर मांग के चलते उत्पादक केन्द्रों की मंडियों सहित खपत केन्द्रों पर भी चालू सप्ताह के दौरान जीरा के दाम क्वालिटीनुसार 40/60 रुपए प्रति किलो तक मंडे के साथ बोले गए है।
प्रमुख मंडी ऊंझा में सप्ताह के अंत में जीरा का भाव 440/520 रुपए बोला गया जबकि सप्ताह के शुरू में भाव 490/570 रुपए पर खुला था। दिल्ली बाजार में डबल दीपक का भाव 580 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 520 रुपए बोला गया मगर इन भावों पर लिवाल नहीं था। अन्य मंडियों जोधपुर, मेड़ता, गोंडल, राजकोट में भी चालू सप्ताह के दौरान जीरे के भाव 40/50 रुपए प्रति किलो तक मंदे रहे।
आयात
सूत्रों का कहना है कि विगत कुछ समय से आयातित माल की बाजारों में सप्लाई बढ़ने के कारण कीमतों में गिरावट बनी रही। प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 150 कंटेनर जीरा का आयात हुआ है। हालांकि इस जीरे का रि-एक्सपोर्ट किया जाना है। व्यापारियों का मानना है कि अगर नई फसल के पूर्व रि-एक्सपोर्ट किया जाता है तो कीमतों में अवश्य ही तेजी बनेगी।
क्योंकि उत्पादक केन्द्रों पर जीरे का स्टॉक कम रह गया है। व्यापारियों का मानना है कि वर्तमान में प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात एवं राजस्थान में जीरे का स्टॉक लगभग 10/12 लाख बोरी का माना जा रहा है जोकि नई फसल आने तक पर्याप्त नहीं है। नई फसल जनवरी-फरवरी माह में गुजरात एवं मार्च-अप्रैल में राजस्थान से आएगी।
बढ़ेगी बिजाई
चालू सीजन के दौरान उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलने के कारण इस वर्ष उत्पादक राज्यों में जीरे के बिजाई क्षेत्रफल में वृद्धि होगी। प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में जीरे की बिजाई का कार्य आरंभ हो गया है जबकि राजस्थान में बिजाई दीपावली पश्चात शुरू हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष गुजरात में जीरे की बिजाई 2.60 लाख हेक्टेयर एवं राजस्थान 5.13 लाख हेक्टेयर पर की गई थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस वर्ष गुजरात में बिजाई दोगुणा एवं राजस्थान डेढ़ गुणा होने की संभावना है।
सुधर सकते हैं भाव
जानकार व्यापारियों का कहना है कि उत्पादक केन्द्रों पर कमजोर स्टॉक के कारण नई फसल आने से पूर्व जीरा कीमतों में एक बार अवश्य ही तेजी आनी चाहिए। संभावना व्यक्त की जा रही है कि आगामी सप्ताह से जीरे के भाव सुधरने चाहिए। क्योंकि चालू सप्ताह के अंतिम दिन वायदा बाजार में भाव तेजी के साथ बंद हुए हैं।
निर्यात
चालू सीजन के शुरूआती तीन माह अप्रैल-जून के दौरान जीरे के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई थी लेकिन इसके बाद कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने के कारण निर्यात बुरी तरह से घटा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल-जून 2023 के दौरान जीरा का निर्यात 55399.64 टन का किया गया था जबकि अप्रैल-जून 2022 में निर्यात 47190.97 टन का हुआ था। लेकिन जुलाई-अगस्त में निर्यात घटने के कारण कुल निर्यात में गिरावट आई है। गत वर्ष अप्रैल-अगस्त 22 के दौरान जीरा का निर्यात 91520 टन का हुआ था जोकि अप्रैल-अगस्त 2023 में 69779 टन का ही हुआ है।