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कमजोर निर्यात मांग से जीरा का भाव नरम पड़ने की संभावना

प्रकाशित 30/10/2023, 06:19 pm
कमजोर निर्यात मांग से जीरा का भाव नरम पड़ने की संभावना

iGrain India - राजकोट । लगभग एक साल तक ऊंचा एवं तेज रहने के बाद जीरा का भाव आगामी समय में कुछ नरम पड़ने की संभावना है क्योंकि एक तो इसकी निर्यात मांग कमजोर पड़ गई है और दूसरे, चालू रबी सीजन में इसका बिजाई क्षेत्र बढ़ने के आसार हैं।

इससे अगला उत्पादन बेहतर हो सकता है। ऊंचे बाजार भाव से इस वर्ष जीरा उत्पादकों को आकर्षक आमदनी प्राप्त हुई है जिससे इस महत्वपूर्ण मसाला फसल की खेती के प्रति उसका उत्साह बढ़ जाएगा। कुछ क्षेत्रों में जीरा की बिजाई आरंभ होने वाली है। 

एक अग्रणी कॉमोडिटी एक्सचेंज में जीरा का वायदा भाव पिछले दिन घटकर 45,525 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया जो पिछले करीब चार माह का निचला स्तर था। ज्ञात हो कि पिछले माह यह एक समय उछलकर 64,000 रुपए प्रति क्विंटल के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था।

गत वर्ष अक्टूबर में जीरा का दाम महज 23,000 से 25,000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा था। लेकिन उसके बाद बिजाई क्षेत्र एवं औसत उपज दर में गिरावट आने से उत्पादन घटने के कारण भाव तेज होने लगा। 

गुजरात की बेंचमार्क ऊंझा मंडी में जीरा का भाव वर्तमान समय में क्वालिटी के आधार पर 49,500 से 52,000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है। व्यापार विश्लेषकों के अनुसार फरवरी 2024 तक यह भाव घटकर 47,000 रुपए प्रति क्विंटल और अप्रैल में गिरकर 38,000-39,000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास आ सकता है। 

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तुर्की तथा चीन के सस्ते माल की उपलब्धता से जीरा का निर्यात कारोबार प्रभावित होने लगा है। हालांकि चीन एवं तुर्की सीरिया के जीरे की क्वालिटी हल्की होती है इसलिए उसका भाव नीचे रहता है और विदेशी आयातक उसकी खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखाते हैं निर्यातकों के अनुसार भारतीय जीरे का औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य पिछले माह के 7500 डॉलर प्रति टन से घटकर अब 5900 डॉलर प्रति टन पर आ गया है। 

केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत से अप्रैल-अगस्त 2022 के पांच महीनों में 84,320 टन पर अटक गया। भारतीय जीरा के प्रमुख आयातक देशों में चीन, बांग्ला देश, अमरीका एवं मलेशिया आई शामिल हैं। चीन का जीरा भारतीय बाजार में पहुंचने की सूचना मिल रही है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइस स्टैक होल्डर्स (फिस्स) के चेयरमैन का कहना है कि अप्रैल में चीन में जीरा का उत्पादन बढ़ा और 8-10 वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद वह भारत को इसकी आपूर्ति कर रहा है।

समीक्षकों के मुताबिक बिजाई क्षेत्र में वृद्धि की संभावना से अभी वायदा बाजार में जीरा की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। गुजरात में बिजाई शुरू हो गई है जबकि राजस्थान में अगले दो-तीन सप्ताहों में बिजाई की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी।

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