iGrain India - राजकोट । देश के सबसे प्रमुख मूंगफली उत्पादक राज्य- गुजरात में इस महत्वपूर्ण तिलहन के लिए अलग-अलग उत्पादन अनुमान लगाए जा रहे हैं।
इसी श्रृंखला में अब सौराष्ट्र ऑयल मिलर्स एसोसिएशन (सोमा) ने गुजरात में चालू वर्ष के दौरान मूंगफली का उत्पादन बढ़कर 31 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है जो पिछले साल के उत्पादन 29 लाख टन से 2 लाख टन ज्यादा है।
सोमा के अनुसार मानसून सीजन के दौरान अत्यधिक बारिश एवं भयंकर बाढ़ से फसल को कुछ क्षति हुई थी लेकिन बाद में हालात अनुकूल होने पर फसल की औसत उपज दर बढ़ गई।
लेकिन ऑयल मिलर्स का कहना है कि मूंगफली के उत्पादन में कुछ बढ़ोत्तरी होने के बावजूद मूंगफली तेल के दाम में ज्यादा नरमी नहीं आएगी और न ही इसके उपभोक्ताओं को ऊंची कीमत से कोई खास राहत मिल पाएगी।
मूंगफली तेल का भाव 2500/3000 रुपए प्रति टीन (15 किलो) के बीच ही घूमते रहने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि सोमा के वार्षिक सर्वेक्षण में सौराष्ट्र, कच्छ एवं उत्तरी गुजरात के सभी मूंगफली उत्पादक जिले शामिल होने हैं।
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 2023-24 के वर्तमान सीजन के दौरान समूचे गुजरात में करीब 30.92 लाख टन मूंगफली का उत्पादन होने का अनुमान है जो पिछले साल के उत्पादन 29.06 लाख टन से ज्यादा है।
यद्यपि पिछले साल के मुकाबले चालू वर्ष के दौरान गुजरात में मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 17.09 लाख हेक्टेयर से घटकर 16.35 लाख हेक्टेयर रह गया मगर इसकी औसत उत्पादकता दर गत वर्ष के 1700 किलो प्रति हेक्टेयर से बढ़कर चालू वर्ष के दौरान 1891 किलो प्रति हेक्टेयर पर पहुंचने की उम्मीद है जिससे कुल उत्पादन में इजाफा होगा।
गुजरात में मूंगफली का सर्वाधिक उत्पादन देवभूमि द्वारका जिले में 4.96 लाख टन होने की संभावना है जो पिछले पिछले साल के 2.79 लाख टन से काफी अधिक है।
इसके बाद जूनागढ़ जिले में 4.53 लाख टन एवं राजकोट जिले में 3.81 लाख टन मूंगफली का उत्पादन होने का अनुमान है। दरअसल गुजरात में अमरेली एवं जूनागढ़ जैसे जिलों को मूंगफली का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र माना जाता है मगर इस बार वहां किसानों द्वारा सोयाबीन की खेती को प्राथमिकता दिये जाने से देवभूमि द्वारका को उससे आगे निकलने का अवसर मिल गया।
सोमा के अध्यक्ष का कहना है कि अगस्त के भयंकर सूखे से किसान कुछ चिंतित थे लेकिन सिंचाई की अच्छी व्यवस्था के कारण फसल को ज्यादा क्षति नहीं हुई।