iGrain India - मेरठ । देश के सबसे प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य- उत्तर प्रदेश में इस बार फसल के बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है और आमतौर पर इसकी हालत भी संतोषजनक बताई जा रही है।
अगले साल होने वाले आम चुनाव को ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश सरकार 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के लिए गन्ना के राज्य समर्थित मूल्य (सैप) में बढ़ोत्तरी करने पर विचार कर रही है।
हालांकि अभी कुछ निश्चित या कन्फर्म नहीं है लेकिन समझा जाता है कि यदि सैप में बढ़ोत्तरी का निर्णय लिया गया तो दीपावली से पूर्व ही इसकी घोषणा हो सकती है।
जानकारों का कहना है कि अगैती मैच्योर वाले गन्ना के लिए राज्य समर्थित मूल्य (सैप) 25.30 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ाया जा सकता है जिससे इसका दाम बढ़कर 380 रुपए प्रति क्विंटल के करीब पहुंच जाने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि वहां पिछले दो तीन साल से गन्ना के सैप में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। उधर हरियाणा सरकार ने भी गन्ना का सैप बढ़ाने का निर्णय लिया है।
ज्ञात हो कि देश के पांच प्रांतों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब हरियाणा एवं तमिलनाडु में गन्ना के लिए राज्य समर्थित मूल्य (सैप) का निर्धारित किया जाता है।
उत्तर प्रदेश देश में गन्ना का सबसे बड़ा एवं चीनी का दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है। वहां पिछले साल के मुकाबले इस बार गन्ना के बिजाई क्षेत्र में भारी बढ़ोत्तरी हुई है।
हालांकि केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर गन्ना की पैदावार में इस बार काफी गिरावट आने का अनुमान लगाया है मगर यह गिरावट मुख्यत: महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं तमिलनाडु जैसे राज्यों में आने की संभावना है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में 32 चीनी मिलों ने 2023-24 सीजन के लिए क्रशिंग कर शुरू करने हेतु इंडेंट्स जारी करते हुए किसानों से गन्ना की खरीद आरंभ कर दी है।
राज्य में लगभग 65 लाख गन्ना उत्पादक 186 सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल सोसायटी में पंजीकृत हैं। इसमें से करीब 46 लाख किसान ही गन्ना की नियमित आपूर्ति करते हैं। राज्य के गन्ना उत्पादकों की समस्या के समाधान हेतु एक सेल (NS:SAIL) फ्री नंबर भी नियत किया गया है।