iGrain India - मुम्बई । हाल के सप्ताहों में जीरा का भाव हाजिर तथा वायदा बाजार में अपने शीर्ष स्तर के मुकाबले घटकर काफी नीचे आ गया है जबकि आगामी महीनों के दौरान इसमें कुछ और नरमी आने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
चीन का जीरा प्रतिस्पर्धी मूल्य पर उपलब्ध है। तुर्की तथा सीरिया में भी जीरे का निर्यात योग्य स्टॉक मौजूद है। इसके फलस्वरूप भारतीय जीरे का निर्यात ऑफर मूल्य गत एक-डेढ़ माह के अंदर 7500 डॉलर प्रति टन से घटकर 5900 डॉलर प्रति टन पर आ गया है।
जीरा का निर्यात प्रदर्शन कमजोर पड़ गया है। अप्रैल-अगस्त 2023 में केवल करीब 63 हजार टन जीरे का निर्यात हुआ जो अप्रैल-अगस्त 2022 के शिपमेंट 84 हजार टन से करीब 26 प्रतिशत कम रहा।
फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइस स्टैक होल्डर्स (फिस्स) के चेयरमैन का कहना है कि जीरा की बिजाई गुजरात में आरम्भ हो गई है जबकि राजस्थान में 15-20 नवम्बर तक शुरू हो जाने की संभावना है। पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष क्षेत्रफल बढ़ने की उम्मीद है।
इस वर्ष जीरा का भाव नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से किसानों को शानदार आमदनी प्राप्त हुई जिससे इसकी बिजाई के प्रति उसका उत्साह एवं आकर्षण बढ़ने के आसार हैं। गुजरात में मौसम की हालत काफी हद तक अनुकूल बनी हुई है। राजस्थान के कुछ भागों में किसानों को बिजाई में थोड़ी कठिनाई हो सकती है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार नवम्बर के अंत तक त्यौहारी सीजन समाप्त हो जाएगा और जीरे की घरेलू मांग भी सामान्य स्तर पर आ जाएगी। वायदा बाजार में जीरा का भाव मौजूद स्तर से काफी नीचे आ सकता है जिससे हाजिर मूल्य पर भी दबाव पड़ेगा।
फरवरी-मार्च में नए जीरे की आवक शुरू हो जाएगी। लेकिन चूंकि पिछला बकाया स्टॉक कम रहेगा इसलिए बाजार भाव एकाएक नीचे लुढ़कने की संभावना नहीं है।
एक समीक्षक का मानना है कि नए माल की आवक शुरू होने पर जीरा का वायदा मूल्य गिरकर 42000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास आ सकता है।
कुछ दिन पूर्व यह नवम्बर अनुबंध के लिए 46,700 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा था जबकि ऊंझा मंडी में हाजिर मूल्य 49,500/51500 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया था। वायदा के मुकाबले हाजिर में भाव ऊंचा था जबकि आमतौर पर वायदा मूल्य ऊपर रहता है। उत्पादन कम होने से जीरे की आपूर्ति की स्थिति जटिल बनी हुई है।