iGrain India - अहमदाबाद । एक अग्रणी व्यापारिक संगठन- कॉटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (सीएआई) ने 2023-24 के वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर 295.10 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) कपास के उत्पादन का अनुमान लगाया है जो 2022-23 सीजन के उत्पादन 318.90 लाख गांठ से काफी कम है।
एसोसिएशन ने चालू सीजन के लिए लगाए अपने प्रथम अग्रिम अनुमान में कपास का जो उत्पादन आंकड़ा दिया है वह पिछले 15 वर्षों का सबसे निचला स्तर है। ध्यान देने की बात है कि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने भी कपास का उत्पादन भाव सीजन के 336.60 लाख गांठ से घटकर इस बार 316.66 लाख गांठ पर सिमटने की संभावना व्यक्त की है।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार 2023-24 सीजन के आरंभ में 28.90 लाख गांठ कपास का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद था जबकि मार्केटिंग सीजन के दौरान 22 लाख गांठ रूई का आयात होने की संभावना है।
इस तरह रूई की कुल उपलब्धता 346 लाख गांठ तक पहुंचेगी। इसमें से 280 लाख गांठ रूई का उपयोग बड़ी कॉटन मिलों में तथा 15 लाख गांठ का इस्तेमाल छोटी इकाइयों में होने का अनुमान है जबकि रूई की गैर मिल खपत 16 लाख गांठ होने की संभावना है।
इस तरह कुल 311 लाख गांठ रूई की घरेलू खपत हो सकती है जबकि 14 लाख गांठ रूई का देश से निर्यात होने की उम्मीद है। इसके बाद 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के अंत में केवल 21 लाख गांठ रूई का बकाया अधिशेष स्टॉक बचने की संभावना है।
एसोसिएशन ने चालू सीजन के दौरान उत्तरी क्षेत्र में 43 लाख गांठ, मध्यवर्ती क्षेत्र में 179.60 लाख गांठ तथा दक्षिणी में 67.50 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान लगाया है। प्रतिकूल मौसम से कपास की फसल इस बार प्रभावित हुई है।