iGrain India - मुम्बई । कपास के बिजाई क्षेत्र में कमी आने तथा मौसम एवं वर्षा की हालत पूरी तरह अनुकूल नहीं होने से चालू सीजन के दौरान रूई के घरेलू उत्पादन में गिरावट आने की संभावना है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने अपने प्रथम अग्रिम अनुमान में कपास का उत्पादन 2022-23 सीजन के 336.60 लाख गांठ से 20 लाख गांठ घटकर 2023-24 के वर्तमान सीजन में 316.66 लाख गांठ पर सिमट जाने की संभावना व्यक्त की है।
ज्ञात हो कि कपास की प्रत्येक गांठ 170 किलो की होती है। इसी तरह एक अग्रणी व्यापारिक संस्था- कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने कपास का उत्पादन पिछले सीजन के 319.90 लाख गांठ से 23.80 लाख गांठ घटकर चालू सीजन में 295.10 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया है जो पिछले 15 वर्षों का न्यूनतम स्तर है।
एसोसिएशन ने 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के दौरान कपास का उत्पादन देश के उत्तरी क्षेत्र (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान) में 43 लाख गांठ, मध्यवर्ती संभाग (गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश) में 179.60 लाख गांठ तथा दक्षिणी भाग (तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक एवं तमिलनाडु) में 67.50 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है।
उल्लेखनीय है कि देश के इन 10 राज्यों में परम्परागत किस्मों के साथ-साथ बीटी कॉटन का भी उत्पादन होता है जबकि उड़ीसा सहित कुछ अन्य राज्यों में सीमित क्षेत्रफल के केवल परम्परागत किस्मों की कपास की खेती होती है।
ऊंचे घरेलू बाजार मूल्य के कारण 2022-23 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान देश से कपास (रूई) का निर्यात काफी घट गया और 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में भी निर्यात प्रदर्शन कमजोर रहने की संभावना है।
एसोसिएशन के मुताबिक रूई का निर्यात घटकर 14 लाख गांठ पर सिमटने की संभावना है जबकि विदेशों से इसका आयात बढ़कर 22 लाख गांठ पर पहुंच सकता है। आमतौर पर कपास का भाव मजबूत रहने की संभावना है।