iGrain India - नई दिल्ली । एक अग्रणी संस्था- इंडियन ऑयल (NS:IOC) सीड्स एंड प्रोड्यूस एक्सपोर्ट प्रोमोशन कौंसिल (आईओपीईपीसी) द्वारा करवाये गए एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि चालू खरीफ सीजन में मूंगफली एवं तिल का घरेलू उत्पादन सरकारी अनुमान से कम होगा।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 2023 के खरीफ सीजन में अखिल भारतीय स्तर पर मूंगफली का कुल बिजाई क्षेत्र 43,91,400 हेक्टेयर रहा जबकि 1562 किलो प्रति हेक्टेयर की औसत उपज दर के आधार पर इसका कुल उत्पादन 69.57 लाख टन होने की उम्मीद है।
उल्लेखीय है कि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने अपने प्रथम अग्रिम अनुमान में खरीफ कालीन मूंगफली का उत्पादन पिछले साल के 85.60 लाख टन से करीब 8.5 प्रतिशत घटकर इस वर्ष 78.30 लाख टन पर सिमट जाने की संभावना व्यक्त की है जबकि कौंसिल का उत्पादन आंकड़ा उससे भी 10 लाख टन छोटा है।
ध्यान देने की बात है कि इस कौंसिल तथा कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा संयुक्त रूप से फसल सर्वेक्षण करवाया गया था।
इस सर्वेक्षण में सात प्रमुख मूंगफली उत्पादक राज्यों- गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं उत्तर प्रदेश को शामिल किया गया था।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक चालू सीजन के दौरान गुजरात में 33.25 लाख टन (48 प्रतिशत), राजस्थान में 15.53 लाख टन (23 प्रतिशत), मध्य प्रदेश में 8.37 लाख टन (12 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश में 1.89 लाख टन (2.7 प्रतिशत), कर्नाटक में 1.43 लाख टन (2.1 प्रतिशत), महाराष्ट्र में 1.19 लाख टन तथा आंध्र प्रदेश में 1.13 लाख टन मूंगफली का उत्पादन होने का अनुमान है।
जहां तक तिल का सवाल है तो राष्ट्रीय स्तर पर इसका बिजाई क्षेत्र पिछले साल की तुलना में 7.6 प्रतिशत घटकर चालू खरीफ सीजन में 12,43,400 हेक्टेयर रह गया। इसके तहत गुजरात, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश में तिल का क्षेत्रफल घट गया।
प्रतिकूल मौसम के कारण फसल को हुए भारी नुकसान की वजह से तिल की औसत उत्पादकता दर लुढ़ककर 238 किलो प्रति हेक्टेयर रह जाने की संभावना है।
इसके आधार पर खरीफ कालीन तिल का कुल घरेलू उत्पादन 1,70,435 टन होने का अनुमान लगाया गया है। इसमें से 56,700 टन या 33.30 प्रतिशत तिल का उत्पादन अकेले राजस्थान में होने की संभावना है।