iGrain India - नई दिल्ली । लैटिन अमरीकी देश- ब्राजील चाहता है कि उसे भारत में 1.00 लाख टन रूई का निर्यात करने के लिए शुल्क मुक्त कोटा प्रदान किया जाए। इस आग्रह के साथ वह भारत से बातचीत कर रहा है।
यह मामला अभी आरंभिक चरण में है। ब्राजीलियन कॉटन फार्म से एसोसिएशन (अबराया) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि ब्राजील के सरकारी अधिकारियों तथा कपास उत्पादकों का एक दल इसी सप्ताह भारत के दौरे पर जाने वाला है जहां वह कपास निर्यात कोटा के करार को अंतिम रूप देने का प्रयास करेगा।
ज्ञात हो कि वर्तमान समय में भारत में कपास (रूई) के आयात पर 11 प्रतिशत का सीमा शुल्क लागू है। एसोसिएशन के अनुसार यदि भारत सरकार ब्राजील के आग्रह को स्वीकार करके कपास का शुल्क मुक्त कोटा देने पर सहमति व्यक्त करती है तो इससे ब्राजील के कॉटन उद्योग को काफी बढ़ावा मिलेगा।
अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) की एक रिपोर्ट के अनुसार 2023-24 सीजन के दौरान ब्राजील कपास निर्यात के मामले में अमरीका को पीछे छोड़कर प्रथम स्थान पर पहुंच सकता है।
यद्यपि ब्राजील में कपास का उत्पादन भारत तथा चीन की तुलना में काफी कम होता है लेकिन घरेलू खपत सीमित होने के कारण उसे अपने अधिकांश उत्पादन का विदेशों में निर्यात करने का अवसर मिल जाता है।
एसोसिएशन के मुताबिक चालू सीजन के दौरान भारत में कपास का उत्पादन गत वर्ष से कम होने की संभावना है जैसा कि सरकारी आंकड़ों से पता चलता है।
ऐसी हालत में भारत में कपास का आयात बढ़ने के आसार हैं जिसमें ब्राजील अच्छा सहयोग दे सकता है। वहां कपास का पर्याप्त निर्यात योग्य स्टॉक उपलब्ध है और इसकी क्वालिटी भी अच्छी है।
भारत में कपास का उत्पादन पिछले सीजन की तुलना में इस बार 7 से 10 प्रतिशत तक घटने की संभावना है। सरकार ने उत्पादन में 20 लाख गांठ की गिरावट का अनुगमन लगाया है।