iGrain India - वाशिंगटन । वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2022 के मुकाबले वर्ष 2023 के दौरान कुल मिलाकर कृषि उत्पादों के वैश्विक बाजार मूल्य में 7 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है जबकि वर्ष 2024 तथा 2025 के दौरान भी इसमें 2-2 प्रतिशत की नरमी आने का अनुमान है।
रिपोर्ट के मुताबिक मक्का का भाव पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान लगभग 22 प्रतिशत नीचे रहने की संभावना है जबकि यह वर्ष 2024 में 8 प्रतिशत तथा 2025 में 4 प्रतिशत और घट सकता है।
जहां तक गेहूं का सवाल है तो विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2022 के मुकाबले 2023 के दौरान इसके दाम में औसतन 20 प्रतिशत की गिरावट देखी जा रही है। इसका भाव 2024 में करीब 3 प्रतिशत तथा वर्ष 2025 में 5 प्रतिशत घटने की संभावना है।
इसी तरह विश्व बैंक ने चीनी का भाव 2023 के शीर्ष स्तर की तुलना में 2024 के दौरान कुछ नरम रहने की संभावना व्यक्त की है लेकिन फलों एवं सूखे मेवों का दाम ऊंचे स्तर पर बरकरार रहने का अनुमान लगाया है।
भारत में एक अग्रणी व्यापारिक संस्था ने कपास का उत्पादन पिछले सीजन के 318 लाख गांठ से घटकर इस बार 295.10 लाख गांठ पर सिमटने का अनुमान लगाया है जो सरकारी उत्पादन अनुमान 316.60 लाख टन से भी बहुत कम है।
हालांकि चीनी का उत्पादन भारत में घटने की संभावना व्यक्त की जा रही है मगर ब्राजील में नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया गया है।
लेकिन चावल के वैश्विक बाजार मूल्य में तेजी-मजबूती का सिलसिला आगामी वर्ष तक बरकरार रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। भारत में इसका उत्पादन कम होगा गेहूं की बिजाई तो आरंभ हो चुकी है अगर इसकी रफ्तार कुछ धीमी रहने की संभावना है क्योंकि कई इलाकों में बारिश की भारी कमी से खेतों की मिटटी सूखने लगी है।
अर्जेन्टीना तथा ऑस्ट्रेलिया में गेहूं के नए माल की आवक हो जोर पकड़ने की उम्मीद है। पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष रूस-यूक्रेन में गेहूं का उत्पादन कम हुआ है जबकि ऑस्ट्रेलिया में भी घटने की संभावना है। कनाडा तथा अर्जेन्टीना में उत्पादन बेहतर होने के आसार हैं।