iGrain India - अंकारा । तुर्की सरकार ने 16 अक्टूबर 2023 को आधिकारिक राजपत्र (गजट) में राष्ट्रपति के निर्णय की एक कॉपी प्रकाशित की थी जिसमें बोस्निया हर्जेगोविना को छोड़कर अन्य सभी देशों से छिलका सहित एवं छिलका रहित अखरोट तथा बादाम के आयात पर 15 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगाने की घोषणा की गई थी।
ज्ञात हो कि वर्ष 2021 से वहां छिलका सहित बादाम पर 4 प्रतिशत एवं छिलका रहित बादाम पर 2 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा हुआ था जबकि वर्ष 2021 से पूर्व शुल्क की दर 15 प्रतिशत ही थी। वर्ष 2021 से पूर्व तुर्की में अखरोट एवं बादाम पर 15 प्रतिशत के आयात शुल्क के साथ अतिरिक्त शुल्क भी लागू था।
इसके तहत अखरोट पर 307 डॉलर प्रति टन का एएफआर लागू या जिसे अब बढ़ाकर 406 डॉलर प्रति टन नियत किया गया है। इसी तरह छिलका रहित अखरोट पर एएफआर को 573 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 1099 डॉलर प्रति टन निर्धारित किया गया है।
बादाम के लिए भी एएफआर की दर क्रमश: 452 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 580 डॉलर प्रति टन तथा 307 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 416 डॉलर प्रति टन नियत किया गया है।
ऊंचे सीमा शुल्क लगाने का मकसद तुर्की में अखरोट एवं बादाम के बढ़ते आयात पर अंकुश लगाना तथा स्वदेशी उत्पादकों को बेहतर वापसी सुनिश्चित करना है।
लेकिन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) मूल के अखरोट पर 2 प्रतिशत तथा बादाम पर 4 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगाने का प्रावधान रखा गया है। दूसरी ओर बदले की कार्रवाई के तहत अमरीकी बादाम एवं अखरोट पर अतिरिक्त सीमा शुल्क लागू किया गया है।
छिलका रहित अखरोट पर कुल 25 प्रतिशत का आयात शुल्क एवं 406 डॉलर प्रति टन का एएफआर लागू होने से इसका आयात खर्च बढ़कर 3500 डॉलर प्रति टन हो गया है। इसी तरह बादाम का आयात खर्च 4400 डॉलर प्रति टन एवं 6900 डॉलर प्रति टन बैठ रहा है।
बादाम एवं अखरोट पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त सीमा शुल्क लागू कर दिया गया है जिससे अमरीका को तुर्की में इसका निर्यात करने में भारी कठिनाई होगी।