iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री में अच्छी बढ़ोत्तरी होने लगी है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने साप्ताहिक ई-नीलामी के लिए गेहूं की बिक्री का ऑफर 2 लाख टन से बढ़ाकर 3 लाख टन कर दिया है।
इसी तरह 31 मार्च 2024 तक के लिए गेहूं की बिक्री का कुल ऑफर भी 50 लाख टन से बढ़कर 101.50 लाख टन निर्धारित नियत किया गया है। इतना ही नहीं बल्कि अब प्रत्येक बिडर को 100 टन के बजाए अधिकतम टन 200 टन गेहूं खरीदने की अनुमति भी दी गई है ये सारे निर्णय 1 नवम्बर 2023 से प्रभावित हो चुके हैं।
इसके फलस्वरूप 1 नवम्बर 2023 को आयोजित साप्ताहिक ई-नीलामी के दौरान कुल 2.87 लाख टन गेहूं की बिक्री हो गई। कुल 2389 बिडर्स ने समूचे देश में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के डिपो से इसकी खरीद के लिए सफल बोली लगाया।
इस नीलामी के तहत गेहूं का भारित औसत बिक्री मूल्य एफएक्यू श्रेणी के लिए बढ़कर 2291.15 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया जो इसके लिए सरकार द्वारा नियत रिजर्व मूल्य 2150 रुपए प्रति क्विंटल से काफी ऊंचा था।
इसी तरह यूआरएस संवर्ग के गेहूं का भारित औसत बिक्री मूल्य उछलकर 2311.62 रुपए प्रति क्विंटल हो गया जो 2125 रुपए प्रति क्विंटल के रिजर्व मूल्य से बहुत ज्यादा था।
उल्लेखनीय है कि सरकारी गेहूं की खरीद प्रक्रिया से व्यापारियों को अलग रखा गया है और केवल मिलर्स- प्रोसेसर्स को ही साप्ताहिक ई-नीलामी में भाग लेने की स्वीकृति दी गई है।
वास्तविक खरीदारों द्वारा खरीदे गए गेहूं की मिलिंग की जाती है या नहीं इसकी जांच-पड़ताल नियमित रूप से की जा रही है। समूचे देश में अब तक 1721 ठिकानों पर औचक निरीक्षण किया जा रहा है जिसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि मिलर्स- प्रोसेसर्स द्वारा कहीं गेहूं का स्टॉक जमा तो नहीं किया जा रहा है।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक दीपावली जैसा महत्वपूर्ण त्योहार निकट आने से गेहूं उत्पादों की घरेलू मांग एवं खपत में होने वाली जबरदस्त बढ़ोत्तरी को देखते हुए मिलर्स-प्रोसेससे द्वारा सरकारी गेहूं की भारी खरीद की जा रही है।
खुले बाजार (थोक मंडियों) में गेहूं का भाव काफी चल रहा है। दिल्ली में यह 2800 रुपए प्रति क्विंटल की सीमा को पार कर गया है। प्रत्येक बिडर को अब 200 टन तक गेहूं खरीदने की छूट मिल गई है।