iGrain India - मुम्बई । भारत से 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान चीनी का निर्यात होने की संभावना समाप्त होती जा रही है।
इस्मा ने इसके उत्पादन अनुमान में भारी कटौती कर दी है और बाजार भाव में आ रही तेजी पर अंकुश लगाने में सरकार को काफी कठिनाई हो रही है। भारत से निर्यात बंद रहने पर वैश्विक बाजार में चीनी का भारी अभाव उत्पन्न होने की आशंका है।
भारत से 2022-23 के सीजन में 60-62 लाख टन तथा 2021-22 के सीजन में 110 लाख टन चीनी का शानदार निर्यात हुआ था जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य पर काफी हद तक दबाव बना रहा लेकिन इस बार यह दबाव नहीं रहेगा।
भारत के साथ-साथ थाइलैंड में भी चीनी का उत्पादन घटने की संभावना है जिससे वहां इसके निर्यात योग्य अधिशेष स्टॉक में कमी आएगी। वैसे सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश- ब्राजील में उत्पादन बेहतर होने के संकेत मिल रहे हैं लेकिन फिर भी वैश्विक स्तर पर चीनी का अभाव महसूस हो सकता है।
ब्राजील की एक अग्रणी व्यापारिक कम्पनी का कहना है कि वैश्विक निर्यात बाजार से भारत का बाहर रहना लगभग निश्चित लगता है जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी का भाव ऊंचा एवं तेज रहने की उम्मीद है।
कम्पनी के सीईओ का कहना है कि भारत में वर्षा की हालत काफी कमजोर रही है और बांधों-जलाशयों में भी पानी का स्तर घटकर काफी नीचे आ गया है। भारत से चालू सीजन के दौरान चीनी का निर्यात होना बहुत मुश्किल लगता है।
इसका मतलब यह हुआ कि चीनी का वैश्विक बाजार काफी हद तक ब्राजील पर निर्भर रहेगा। ब्राजील में यदि असामयिक वर्षा से गन्ना फसल की कटाई-तैयारी एवं पेराई में बाधा पड़ी अथवा जहाजों पर माल की लोडिंग में देर हुई तो वैश्विक बाजार में चीनी का भाव और ऊपर उछल सकता है।
ब्राजील के बंदरगाहों पर पहले से ही चीनी का विशाल स्टॉक मौजूद है लेकिन इसके शिपमेंट में समस्या आ रही है। मक्का एवं सोयाबीन का भारी निर्यात होने से चीनी के शिपमेंट के लिए जहाजों की कमी महसूस हो रही है।