iGrain India - शिकागो । एक अग्रणी व्यापार विश्लेषक ने कहा है कि सोयाबीन तेल के वायदा मूल्य में कुछ समय तक नरमी का माहौल रहने के बाद तेजी का वातावरण बन सकता है।
उल्लेखनीय है कि 14 जुलाई को सोया तेल का बेंचमार्क वायदा भाव उछलकर 65.58 सेंट प्रति पौंड के शीर्ष स्तर पर पहुंचा था लेकिन उसके बाद इसमें गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया।
विश्लेषक ने कहा था कि अक्टूबर में वायदा भाव 20 दिनों के औसत बदन भाव 59 सेंट प्रति पौंड से ऊपर रहेगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका और 31 अक्टूबर को वायदा मूल्य गिरकर 51.42 सेंट प्रति पौंड पर आ गया।
वैसे विश्लेषक को अब भी वायदा भाव में तेजी आने की उम्मीद है। ध्यान देने की बात है कि 31 मई 2023 को वायदा मूल्य घटकर 44.47 सेंट प्रति पौंड पर आ गया था जो 24 जुलाई तक आते-आते 21.11 सेंट के भारी उछाल के साथ 65.58 सेंट प्रति पौंड के शीर्ष स्तर पर पहुंचा था।
व्यापार विश्लेषक के मुताबिक वायदा मूल्य में अप्रत्याशित तेजी आने के बाद उसमें कुछ करेक्शन होना स्वाभाविक ही है। कीमत अब लगभग सामान्य स्तर पर आ चुकी है इसलिए आगे इसमें कुछ तेजी आने का अनुमान लगाया जा सकता है।
इससे कनाडा में कैनोला तेल के वायदा मूल्य में बढ़ोत्तरी हो सकती है। दरअसल विश्लेषक का ध्यान पाम तेल पर केन्द्रित है। उसका कहना है कि अल नीनो मौसम चक्र के कारण यदि दक्षिण-पूर्व एशिया में क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का उत्पादन प्रभावित होता है और दाम बढ़ता है तो शिकागो एक्सचेंज में सोयाबीन तेल के वायदा मूल्य को अच्छा सहारा मिल सकता है।
सीपीओ के दाम में कुछ सुधार आने के संकेत मिल रहे हैं। वैश्विक खाद्य तेल बाजार पर पाम तेल का काफी प्रभाव पड़ता है। इसमें पहले नरमी आने की वजह से सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल तथा कैनोला तेल की कीमतों पर दबाव बढ़ गया था।
अभी तक पाम तेल के उत्पादन पर अल नीनो का ज्यादा असर नहीं देखा जा रहा है लेकिन इसकी आशंका बनी हुई है। बायोडीजल निर्माण में कम उपयोग होना सोयाबीन तेल के दाम में गिरावट आने का एक प्रमुख कारण है। जुलाई में इसका उपयोग 1.27 अरब पौंड के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था जो अगस्त में घटकर 1.197 अरब पौंड पर सिमट गया।