iGrain India - मुम्बई । महाराष्ट्र की चीनी मिलों ने 2022-23 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान किसानों से खरीदे गए गन्ने के मूल्य के तौर पर 354.36 अरब रुपए का भुगतान कर दिया है जो कुल बकाया राशि का 99.7 प्रतिशत है।
मालूम हो कि महाराष्ट्र में किसानों को केन्द्र सरकार द्वारा घोषित गन्ना के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) का भुगतान किया जाता है। चीनी आयुक्त के अनुसार महाराष्ट्र की चीनी मिलों को कुल 355.32 अरब रुपए के बकाए का भुगतान करना था जिसमें से 354.36 अरब रुपए का भुगतान हो गया है और अब मिलों पर किसानों का केवल 96 करोड़ रुपए का बकाया रह गया है।
2022-23 सीजन के दौरान महाराष्ट्र में कुल 211 चीनी मिलें चालू हुई थीं जिसमें से 196 इकाइयों के किसानों के बकाए का शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया है।
इसके अलावा 11 मिलों ने 80 से 99.9 प्रतिशत, दो इकाइयों ने 60 से 79 प्रतिशत तथा दो अन्य प्लांटों ने 0 से 59 प्रतिशत के बीच बकाए का भुगतान किया है।
राज्य की 17 चीनी मिलों को राजस्व वापसी प्रमाण पत्र (आरआरसी) जारी किया गया है ताकि उसे गन्ना मूल्य बकाए का भुगतान अविलम्ब करने के लिए विवश किया जा सके। ये मिलें भी जल्दी से जल्दी बकाया राशि का भुगतान कर सकती हैं।
महाराष्ट्र में 2023-24 के मार्केटिंग सीजन हेतु 1 नवम्बर से गन्ना की क्रशिंग का अभियान आरंभ हो गया। केन्द्र सरकार ने चालू सीजन के लिए गन्ना का उचित एवं लाभकारी मूल्य 10 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 315 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जो गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर 10.25 प्रतिशत पर आधारित है। महाराष्ट्र में इस बार गन्ना की फसल कमजोर होने से चीनी के उत्पादन में काफी गिरावट आने की संभावना व्यक्त की जा रही है।