iGrain India - राजकोट । ऊंचे बाजार भाव के बावजूद गुजरात में जीरा की बिजाई की गति काफी धीमी चल रही है क्योंकि एक तो मौसम की हालत इसके लिए पूरी तरह अनुकूल नहीं है और दूसरे, खरीफ फसलों की कटाई-तैयारी की रफ्तार सुस्त है।
इतना तो निश्चित लगता है कि आगामी समय में यदि मौसम अनुकूल रहा तो पिछले साल के मुकाबले इस बार इस महत्वपूर्ण मसाला फसल के उत्पादन क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी होगी। हालांकि हाल के महीनों में जीरा का भाव नरम पड़ा है लेकिन फिर भी गत वर्ष से काफी ऊंचा है।
गुजरात कृषि विभाग के आंकड़ों से ज्ञात होता है कि जीरा की बिजाई इस बार गत वर्ष से करीब 60 प्रतिशत पीछे चल रही है। चालू वर्ष में इसका क्षेत्रफल 1600 हेक्टेयर तक ही पहुंचा है जबकि पिछले साल 3900 हेक्टेयर पर पहुंच गया था।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक जीरा की बिजाई अभी शुरू ही हुई है जबकि आगे लम्बा समय पड़ा हुआ है। मौसम के सामान्य होते ही बिजाई की रफ्तार बढ़ेगी और क्षेत्रफल का आंकड़ा बदलने लगेगा।
फिलहाल जीरा का क्षेत्रफल 2300 हेक्टेयर या 58.97 प्रतिशत पीछे है अगर उसकी भरपाई करने में ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए क्योंकि किसान काफी उत्साहित हैं और वे प्रत्येक अनुकूल अवसर का पूरा फायदा उठाने का प्रयास करेंगे।
गुजरात में तापमान घटकर नीचे आने लगा है जिससे जीरा की बिजाई तेज गति से होने की संभावना बढ़ गई है। सौराष्ट्र संभाग में जीरे की अधिक बिजाई हुई है और वहां क्षेत्रफल 1400 हेक्टेयर पर पहुंच गया जो गत वर्ष की समान अवधि के रकबा 3800 हेक्टेयर से 2400 हेक्टेयर या 63.15 प्रतिशत कम है।
इसके अलावा कच्छ तथा मध्य गुजरात में 100-100 हेक्टेयर में जीरा की खेती हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में वहां बिजाई की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई थी। उत्तरी गुजरात में भी जीरे की बिजाई आरंभ होने का इंतजार है।
पिछले दाल वहां इस समय तक 100 हेक्टेयर में बिजाई हो गई थी। उधर राजस्थान में किसानों ने जीरे की बिजाई के लिए खेतों को तैयार करना शुरू कर दिया है।