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चीनी का उत्पादन कर्नाटक तथा महाराष्ट्र में घटने एवं यूपी में सामान्य होने का अनुमान

प्रकाशित 08/11/2023, 10:14 pm
चीनी का उत्पादन कर्नाटक तथा महाराष्ट्र में घटने एवं यूपी में सामान्य होने का अनुमान

iGrain India - नई दिल्ली । बारिश की कमी एवं शुष्क तथा गर्म मौसम के कारण चालू वर्ष के दौरान कर्नाटक में गन्ना की पैदावार में करीब 30 प्रतिशत की जोरदार गिरावट आने की आशंका है जबकि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में भी उत्पादन 10 से 20 प्रतिशत तक कम होने होने की संभावना है।

दूसरी ओर उत्तर प्रदेश (यूपी) में गन्ना का उत्पादन सामान्य या कुछ बेहतर होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि देश में गन्ना के उत्पादन में उत्तर प्रदेश पहले, महाराष्ट्र दूसरे एवं कर्नाटक तीसरे नंबर पर है। 

हालांकि चीनी उत्पादन की स्पष्ट तस्वीर सामने आने में अभी समय लगेगा लेकिन उद्योग- व्यापार क्षेत्र का मानना है कि इस बार भी उत्पादन में गिरावट आएगी।

शीर्ष उद्योग संस्था- इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने राष्ट्रीय स्तर पर गन्ना का कुल रकबा 57 लाख हेक्टेयर आंकते हुए 2023-24 के मार्केटिगं सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) में 337 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया है जिसमें एथनॉल निर्माण में इस्तेमाल होने वाली चीनी भी शामिल है। देश में चीनी की खपत भी 278 लाख टन से सुधरकर 278.50 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।

इस तरह घरेलू मांग को पूरा करने के लिए देश में चीनी का पर्याप्त उत्पादन हो सकता है। 2022-23 के सीजन में 369 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ जिसमें एथनॉल निर्माण की चीनी भी शामिल थी।

उद्योग के पास 65 लाख टन चीनी का अधिशेष स्टॉक चालू सीजन के आरंभ में मौजूद था। कर्नाटक एवं महाराष्ट्र में इस बार चीनी का उत्पादन करीब 20 प्रतिशत घटने का अनुमान है जबकि उत्तर प्रदेश में उत्पादन 8 प्रतिशत बढ़ सकता है।

एक रिसर्च फर्म के अनुसार पिछले सीजन के मुकाबले चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान चीनी के उत्पादन में 9.4 प्रतिशत की गिरावट आने तथा उपयोग में 2.9 प्रतिशत का इजाफा होने की संभावना है। 

खाद्य एवं कृषि संगठन (फाओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर 2022 में चीनी का वैश्विक बाजार भाव घटकर 16 माह के निचले स्तर पर चला गया था लेकिन बाद में यह तेजी से ऊपर उठने लगा और फिर काफी ऊंचे स्तर पर पहुंच गया।

आज और यूरोपीय संघ में चीनी का उत्पादन घटने का अनुमान है जबकि थाईलैंड में भी उत्पादन कमजोर रहने की संभावना है।

समीक्षकों के अनुसार यद्यपि भारत में चीनी एक उत्पादन पिछले दो वर्षों की तुलना में कम होगा मगर इसकी कुल उपलब्धता लगभग पर्याप्त रहेगी। वैसे चीनी का निर्यात खोले जाने में संदेह बना रहेगा।

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