iGrain India - नई दिल्ली । चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान गन्ना एवं चीनी के उत्पादन में गिरावट आने की संभावना को देखते हुए पेट्रोल में 15 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त होना मुश्किल लगता है।
खाद्यान्न पर आधारित डिस्टीलरीज को भी कच्चा माल हासिल करने में कठिनाई हो रही है क्योंकि सरकार ने उसे चावल की आपूर्ति बंद कर दी है।
सरकार की समस्या यह है कि वह 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में एथनॉल निर्माण पर ज्यादा ज़ोर नहीं दे सकती है क्योंकि इससे चीनी का उत्पादन घटकर काफी नीचे आ सकता है। चीनी का घरेलू बाजार भाव पहले से ही ऊंचा एवं तेज चल रहा है। यदि इसमें और इजाफा हुआ तो आम लोगों की कठिनाई बहुत बढ़ जाएगी।
उद्योग समीक्षकों एवं विशेषज्ञों का कहना है कि 2023-24 सीजन के दौरान एथनॉल का उत्पादन घट सकता है जिससे तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को इसकी आपूर्ति कम होगी।
सरकार ने चालू सीजन के लिए पेट्रोल में 15 प्रतिशत तथा अगले सीजन में 18 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य नियत किया है जबकि 2025-26 के सीजन तक इस लक्ष्य को बढ़ाकर 20 प्रतिशत पर पहुंचने का निर्णय लिया है।
केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने दावा किया है कि 2022-23 सीजन के लिए सरकार ने पेट्रोल में 12 प्रतिशत के मिश्रण का जो लक्ष्य नियत किया था वह हासिल हो गया है।