iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । उम्मीद के अनुरूप अरब सागर के मध्य पूर्वी भाग के ऊपर एक कम दाब का क्षेत्र बन गया है जबकि इससे पूर्व में निर्मित कम दाब का क्षेत्र अत्यन्त सघन होकर गत सप्ताह तेज नामक समुद्री च्रकवाती तूफान में बदल चुका था।
इस बार इतनी सघनता एवं तीव्रता की संभावना तो नहीं है लेकिन कई क्षेत्रों में भारी वर्षा अवश्य हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार कोमोरिन क्षेत्र के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन मौजूद है। मौसम चक्र का प्रभाव देखा जा रहा है। हवा का प्रवाह दक्षिणी प्रायद्वीप की ओर है और इससे वहां अगले तीन दिनों तक भारी वर्षा होने की उम्मीद है।
मौसम विभाग ने तटीय कर्नाटक, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक तथा केरल और तमिलनाडु में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की है।
ध्यान देने की बात है कि केरल, तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश एवं तटीय कर्नाटक में बारिश का दूर पहले ही शुरू हो चुका है जबकि अगले दो-तीन दिनों तक इसका सिलसिला जारी रहने का अनुमान है। अंडमान निकोबार में अगले सात दिन तक हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना जताई गई है। बंगाल की खाड़ी में सक्रियता के संकेत मिल रहे है।
मौसम विभाग के मुताबिक अरब सागर के मध्य-पूर्वी भाग के ऊपर कम दाब का क्षेत्र बनने तथा पश्चिमी विक्षोभ का निर्माण होने से अगले तीन दिनों के दौरान दक्षिणी कोंकण, गोवा, दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र तथा निकटवर्ती क्षेत्रों में अच्छी बारिश हो सकती है। इधर पश्चिमोत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से बारिश होने के आसार हैं।
पहला विक्षोभ पाकिस्तान के मध्य दक्षिणी भाग में स्थित है जबकि इसके पीछे-पीछे एक अन्य विक्षोभ का भी निर्माण ईरान में हो रहा है जिसका सिरा अफगानिस्तान तक फैला हुआ है।
इसके प्रभाव से जम्मू कश्मीर, लद्दाख, गिलगिट, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद एवं उत्तराखंड में बारिश या बर्फबारी होने की संभावना है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, पश्चिमी राजस्थान एवं दिल्ली में 10 नवम्बर या इससे पूर्व बारिश होने की उम्मीद है। बंगाल की खाड़ी में हलचल जारी रहने की संभावना है।
उत्तर-पूर्व मानसून के सक्रिय होने से दक्षिणी भारत में वर्षा का दौर जारी है। वहां इसकी सख्त आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इसी तरह पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से देश के पश्चिमोत्तर राज्यों में बारिश होने वाली है।