iGrain India - नई दिल्ली । पिछले साल की तुलना में चालू वित्त वर्ष के दौरान देश से दाल-दलहन तथा ग्वार गम के निर्यात में गिरावट दर्ज की जा रही है। घरेलू प्रभाग में दालों का भाव काफी ऊंचा एवं तेज चल रहा है जिसे विदेशों में इसकी मांग कुछ कमजोर पड़ गई है। भारत से दालों का निर्यात मुख्यत: पड़ोसी देशों एवं खाड़ी क्षेत्र के देशों को किया जाता है।
सरकारी एजेंसी- कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के आरंभिक सात महीनों में यानी अप्रैल-अक्टूबर 2023 के दौरान देश से दाल-दलहनों का निर्यात घटकर 3.05 लाख टन पर अटक गया जो गत वर्ष के इन्हीं महीनों के कुल शिपमेंट 3.95 लाख टन से 90 हजार टन कम रहा।
इसके फलस्वरूप समीक्षाधीन अवधि के दौरान इसकी निर्यात आय भी 32.90 करोड़ डॉलर से 1.73 प्रतिशत गिरकर 32.30 करोड़ डॉलर पर आ गई। निर्यात आय में अपेक्षाकृत कम गिरावट आने का प्रमुख कारण दाल-दलहनों का औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य ऊंचा है।
जहां तक ग्वार गम का सवाल है तो पिछले साल अप्रैल- अक्टूबर के सात महीनों में इसका निर्यात बढ़कर 2.22 लाख टन पर पहुंच गया था जो चालू वर्ष की समान अवधि में कुछ घटकर 2.16 लाख टन पर अटक गया। औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य भी कमजोर रहने से समीक्षाधीन अवधि के दौरान इसकी निर्यात आय 34.40 करोड़ डॉलर से 24.60 प्रतिशत घटकर 25.90 करोड़ डॉलर रह गई।
ग्वार की नई फसल आने से कीमतों पर कुछ देखा जा रहा है। देश में करीब 75-80 प्रतिशत ग्वार का उत्पादन अकेले राजस्थान में होता है और वहीँ से ग्वार गम का निर्यात भी किया जाता है। इसके अलावा हरियाणा एवं गुजरात में भी ग्वार की खेती होती है।