iGrain India - मुम्बई । कस्टम विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि यूक्रेन से अक्टूबर 2023 में कुल 4.07 लाख टन सूरजमुखी तेल का निर्यात हुआ जो सितम्बर के शिपमेंट से करीब 50 हजार टन ज्यादा मगर अक्टूबर 2022 के निर्यात 4.54 लाख टन के 47 हजार टन कम रहा।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू मार्केटिंग सीजन के शुरूआती दो महीनों में यानी सितम्बर-अक्टूबर 2023 के दौरान यूक्रेन से कुल 7.64 लाख टन सूरजमुखी तेल का निर्यात किया गया जो पिछले साल की समान अवधि के निर्यात से 20 प्रतिशत कम रहा।
ज्ञात हो कि यूक्रेन दुनिया में सूरजमुखी का सबसे बड़ा उत्पादक तथा सूरजमुखी तेल का सबसे प्रमुख निर्यातक देश है। वहां से सूरजमुखी सीड के निर्यात का प्रदर्शन भी कमजोर चल रहा है। व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक फरवरी-मार्च में तुर्की द्वारा सूरजमुखी पर आयात शुल्क घटाए जाने की संभावना है तब यूक्रेन से निर्यात बढ़ सकता है।
उधर रूस में क्रशर्स- प्रोसेसर्स द्वारा अगले दो तीन महीनों की जरूरत के लायक सूरजमुखी सीड की खरीद कर लिये जाने की सूजचा मिल रही है जिससे वहां से इसके निर्यात की गति बढ़ने की संभावना है।
रूस से चीन को कंटेनरों में 885 डॉलर प्रति टन की दर से इसके शिपमेंट का ऑफर शुरू हुआ है। आगामी महीनों के दौरान रूस से सूरजमुखी तेल के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है क्योंकि वहां सूरजमुखी की जोरदार क्रशिंग- प्रोसेसिंग हो रही है।
सूरजमुखी तेल एवं सोयाबीन तेल के मूल्य में जारी वर्तमान अंतर को देखते हुए लगता है कि रूस तथा यूक्रेन को सूरजमुखी तेल का निर्यात बढ़ाने में ज्यादा कठिनाई नहीं होगी। मेरसिन में इसका ऑफर मूल्य 870 डॉलर प्रति टन चल रहा है।
विश्लेषकों के अनुसार छह बंदरगाहों पर इसका भाव बढ़कर 1000/1050 डॉलर प्रति टन की ऊंचाई तक पहुंच सकता है। भारतीय ब्रोकर्स 935 डॉलर प्रति टन का ऑफर देने लग है। ईरान ने गैर आधिकारिक रूप से तेल का आयात शुरू कर दिया है मगर भुगतान का एक नया ढांचा लागू किया है।
यूक्रेन के साथ कई समस्याएं हैं। वहां से कृषि उत्पादों के निर्यात में भारी कठिनाई हो रही है जिससे कई बार शिपमेंट में काफी देर हो जाती है और निर्यातकों को डिफॉल्टर बनना पड़ता है। सरकार ने अक्टूबर से सभी कैश कार्गो के निर्यात शिपमेंट पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है। इससे किसानों एवं निर्यातकों को कठिनाई होने लगी है।