iGrain India - नई दिल्ली । उम्मीद के विपरीत चालू रबी सीजन में गेहूं तथा चना का रकबा गत वर्ष से पीछे चल रहा है जबकि ऊंचे बाजार भाव के कारण इसमें बढ़ोत्तरी की उम्मीद की जा रही है। आगामी दिनों में बिजाई की रफ्तार बढ़ने के आसार हैं।
समझा जाता है कि पंजाब-हरियाणा में धान तथा उत्तर प्रदेश में गन्ना फसल की कटाई में देर होने से गेहूं की बोआई की गति कुछ धीमी पड़ गई है। दूसरी ओर सरसों, मसूर एवं मोटे अनाजों का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष से आगे निकल गया है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल की तुलना में चालू रबी सीजन के दौरान 10 नवम्बर 2023 तक राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं का उत्पादन क्षेत्र 5.47 लाख हेक्टेयर से 11.33 प्रतिशत घटकर 4.85 लाख हेक्टेयर तथा चना का बिजाई क्षेत्र 4.19 लाख हेक्टेयर से 1.20 प्रतिशत फिसलकर 4.14 लाख हेक्टेयर रह गया।
लेकिन दूसरी ओर मसूर का क्षेत्रफल 66 हजार हेक्टेयर से 16.67 प्रतिशत बढ़कर 77 हजार हेक्टेयर, मोटे अनाजों का रकबा 1.33 लाख हेक्टेयर से 17.30 प्रतिशत बढ़कर 1.56 लाख हेक्टेयर तथा सरसों का उत्पादन क्षेत्र 5.68 लाख हेक्टेयर से 0.53 प्रतिशत सुधरकर 5.71 लाख हेक्टेयर से 2.07 प्रतिशत गिरकर वर्तमान रबी सीजन में 18-92 लाख हेक्टेयर पर अटक गया। अभी बिजाई का आरम्भिक चरण है इसलिए चिंता की बात नहीं है।
आमतौर पर दीपावली पर्व के बाद गेहूं सहित अन्य रबी फसलों की बिजाई जोर पकड़ती है और इस बार भी ऐसा ही होने की उम्मीद है। उद्योग-व्यापार समीक्षकों को भरोसा है कि चालू रबी सीजन में गेहूं का कुल उत्पादन क्षेत्र 310 लाख हेक्टेयर के सामान्य औसत क्षेत्रफल के आसपास पहुंच जाएगा।
रबी फसलों की बिजाई आगे निश्चित रूप से बेहतर होती जाएगी क्योंकि खासकर उत्तरी एवं पश्चिमोत्तर राज्यों में मौसम की हालत लगातार अनुकूल होती जा रही है।
चालू माह के प्रथम सप्ताह के दौरान हुई बारिश तथा अब तापमान में आ रही गिरावट से किसानों को रबी फसलों की बिजाई करने में अच्छी सहायता मिलने की उम्मीद है। दक्षिण भारत में भी वर्षा हो रही है। पश्चिमोत्तर राज्यों में अगले दो-तीन दिनों में अच्छी बारिश होने के आसार हैं।