iGrain India - कुआलालम्पुर । मलेशियाई पाम तेल के वायदा मूल्य में पिछले कुछ दिनों से सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा था और अक्सर इस पर नरमी का रुख ही हावी रहता था।
लेकिन पिछले दिन बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स (बीएमडी) एक्सचेंज में क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का वायदा भाव 100 रिंगिट या 2.7 प्रतिशत उछलकर 3900 रिंगिट प्रति टन पर पहुंच गया जो सितम्बर के आरंभ के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार यदि चालू सप्ताह के शेष दिनों में वायदा भाव इस बढ़ोत्तरी को बरकरार रखने में सफल हो जाता है तो माना जाएगा कि कीमतों में नरमी का रुख अब तेजी के माहौल में बदल गया है।
समीक्षकों के अनुसार वर्ष 2024 के दौरान क्रूड पाम तेल का उत्पादन मलेशिया में 2023 के स्तर पर ही बरकरार रह सकता जबकि इंडोनेशिया में यह 10 लाख टन घटने की संभावना है।
इस उत्पादन अनुमान को पाम तेल बाजार के लिए काफी सकारात्मक माना जा रहा है। मालूम हो कि पाम तेल के भाव में उतार-चढ़ाव कई कारकों पर निर्भर करता है जिसमें मौसम की स्थिति, जैव ईंधन में उपयोग, प्रतिद्वंदी तेलों का उत्पादन तथा प्रमुख आयातक देशों की मांग आदि शामिल है।
हाल की मूल्य वृद्धि के कारण पाकिस्तान में पाम तेल की मांग सुस्त पड़ गई है और कारोबार धीमा होने से आयात पर असर पड़ने की संभावना है। खरीदार कुछ समय तक इंतजार करने के इच्छुक है और ऊंचे दाम पर पाम तेल के आयात को जोखिम पूर्ण मान रहे हैं। लेकिन अफ्रीकी देशों को पाम तेल का निर्यात बढ़ रहा है। अन्य वनस्पति तेलों की तुलना में पाम तेल अब भी सस्ता है।
जहां तक भारत का सवाल है तो 2022-23 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन में वहां कुल मिलाकर करीब 165 लाख टन खाद्य तेल का आयात हुआ जो 2021-22 सीजन से 17.4 प्रतिशत अधिक रहा।
इसके तहत पाम तेल का आयात 24 प्रतिशत बढ़कर 97.90 लाख टन एवं सूरजमुखी तेल का आयात 54 प्रतिशत उछलकर 30 लाख टन पर पहुंच गया जबकि सोयाबीन तेल का आयात 12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 36.80 लाख टन पर अटक गया।