iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सरकार आम लोगों को मुफ्त में खाद्यान्न उपलब्ध करवा रही है।
भारत सरकार खाद्यान्न की खरीद, आवंटन, परिवहन, भंडारण तथा डिलीवरी के लिए खाद्य सब्सिडी का सम्पूर्ण भार उठाती है। राज्यों के चिन्हित डिपो तक खाद्यान्न पहुंचाया जाता है और इस तरह गरीब लाभार्थियों के ऊपर पड़ने वाले वित्तीय भारत को खत्म किया जाता है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को समूचे देश में लागू किया जा चुका है। प्रभावशाली ढंग से इसका क्रियान्वयन होने से आम आदमी को काफी राहत मिल रही है।
अंत्योदय अन्न योजना एवं प्राथमिकता वाले परिवार को मुफ्त में राशन मिलने से इसकी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है। खाद्य सब्सिडी का सारा भार सरकार स्वयं उठाती है। मुफ्त राशन वितरण योजना की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
सरकार भारतीय खाद्य निगम को और साथ ही साथ विकेन्द्रीकृत खरीद वाले राज्यों को वित्तीय सब्सिडी प्रदान करती है। खाद्य निगम द्वारा ही चावल एवं गेहूं खरीदकर उसका परिवहन, भंडारण, वितरण आदि किया जाता है।
जिन प्रांतों में खाद्य निगम की सक्रियता नहीं या नगण्य है वहां प्रांतीय एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। वर्ष 2013 से ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून प्रभावी है।
कोरोना संक्रमण काल के दौरान सरकार ने तमाम लाभार्थियों को पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध करवाया था। 1 जनवरी 2023 से लक्ष्यांकित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से मुफ्त राशन का वितरण किया जा रहा है और इसका सारा खर्च केन्द्र सरकार उठा रही है।
लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन का वितरण हो रहा है जबकि इसकी संख्या 81.35 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है।