iGrain India - रियो डी जेनेरो । लैटिन अमरीकी देश- ब्राजील में अल नीनो के प्रभाव से मौसम की स्थिति काफी हद तक प्रतिकूल बनी हुई है। उसके मध्यवर्ती एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में वर्षा की भारी कमी से न केवल सोयाबीन की बिजाई प्रभावित हो रही है बल्कि कुछ क्षेत्रों में बीज में अंकुरण नहीं होने से दोबारा बिजाई की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है।
दूसरी ओर देश के दक्षिणी भाग में नियमित रूप से हो रही बारिश के कारण फसलों की बिजाई में बाधा पड़ रही है। वहां क्षेत्रफल कुछ कम रह सकता है।
ब्राजील में दिसम्बर तक सोयाबीन की बिजाई की अनुमति दी गई है इसलिए यह देखना आवश्यक होगा कि अगले डेढ़ महीने (6 सप्ताह) के दौरान वहां मौसम एवं वर्षा की हालत कैसी रहती है और बिजाई की पोजीशन कैसी है।
ब्राजील में लगभग 26 प्रतिशत या 430-450 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन माटो ग्रोसो प्रान्त में होता है। ब्राजील के जिन इलाकों में सूखे का गंभीर संकट बना हुआ है वहां 10 करोड़ टन से ज्यादा सोयाबीन का उत्पादन होता है इसलिए उत्पादकों की चिंता बढ़ती जा रही है।
सही समय पर सोयाबीन की बिजाई के लिए अगले दो सप्ताह अत्यन्त महत्वपूर्ण है क्योंकि सामान्यतः नवम्बर के अंत तक वहां इसकी बिजाई की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। यदि इस आदर्श अवधि में बिजाई पूरी नहीं हुई तो सोयाबीन की औसत उपज दर में कमी आ सकती है।
अर्जेन्टीना में अगली नई फसल की आवक शुरू होने तक सोयाबीन का स्टॉक काफी घट जाएगा। वहां मार्च से नई फसल की कटाई-तैयारी आरंभ होती है। सोयामील की खरीदारी अच्छी हो रही है और वायदा में भी सोया तेल का बेहतर कारोबार हो रहा है। वहां सोयाबीन का भाव ऊंचा होने लगा है।