iGrain India - नई दिल्ली । दक्षिण भारत में हाल के दिनों में हुई अच्छी वर्षा के बावजूद देश के 150 प्रमुख जलाशयों में पानी का भंडार उसकी कुल क्षमता के 70 प्रतिशत से नीचे बना हुआ है।
वैसे गत सप्ताह की तुलना में चालू सप्ताह के दौरान इसमें कुछ सुधार आया है मगर फिर भी यह 10 वर्षीय औसत से काफी नीचे है। एक सप्ताह पूर्व 14 राज्यों में पानी का भंडार नियत क्षमता से कम था लेकिन हिमाचल प्रदेश में स्थिति सुधरने से अब कम पानी भंडार वाले राज्यों की संख्या 13 रह गई है।
उत्तरी राज्यों में स्थिति काफी सुधर गई है। पिछले सप्ताह वहां सामान्य स्तर से 3 प्रतिशत नीचे पानी का भंडार था जो अब 1 प्रतिशत ऊपर हो गया है। इससे रबी फसलों की सिंचाई में अच्छी सहायता मिल सकती है।
केन्द्रीय जल आयोग की साप्ताहिक बुलेटिन के अनुसार 16 नवम्बर को बांधों- जलाशयों में पानी का कुल भंडार 122.645 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) दर्ज किया गया जो उसकी कुल संचित भंडारण क्षमता का 69 प्रतिशत था। पिछले सप्ताह 124.124 बीसीएम जल का भंडार मौजूद था।
इस वर्ष अगस्त एवं अक्टूबर माह के दौरान वर्षा की भारी कमी के कारण जलाशयों में पानी का स्तर घटकर काफी नीचे आ गया। दक्षिण-पश्चिम मानसून भी कमजोर रहा।
पानी का घटता भंडार चिंता का विषय बना हुआ है लेकिन आगामी समय में स्थिति कुछ सुधरने की उम्मीद है क्योंकि दक्षिण भारत में उत्तर-पूर्व मानसून की सक्रियता से अच्छी बारिश होने लगी है। वर्षा का यह दौर कमोबेश दिसम्बर तक बरकरार रहने की संभावना है।
देश के अधिकांश राज्यों में रबी फसलों की बिजाई जोर पकड़ने लगी है। उत्तरी भारत और खासकर पश्चिमोत्तर राज्यों में खेतों की मिटटी में पर्याप्त नमी मौजूद है जिससे फसलों की बिजाई में कोई खास बाधा नहीं पड़ रही है।
दक्षिणी प्रांतों में सूखे का माहौल बना हुआ था मगर अब वहां भी बारिश हो रही है। पूर्वी राज्यों में स्थिति सुधरने में कुछ समय लग सकता है।