iGrain India - नई दिल्ली । चालू वर्ष के दौरान भारत द्वारा 10.80 लाख टन मसूर, 6.20 लाख टन तुवर एवं 4.20 लाख टन उड़द सहित करीब 21.30 लाख टन दलहन का आयात किया गया।
इसका आयात मुख्यत: ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, म्यांमार, मोजाम्बिक, तंजानिया सूडान एवं मलावी जैसे देशों से हुआ। भारत दलहन आयात के लिए म्यांमार, मोजाम्बिक एवं मलावी से आपसी सहमति का समझौता (करार) पहले ही कर चुका है और अब इसने ब्राजील के साथ इसी तरह का करार करने का प्रस्ताव रखा है।
इस करार के तहत लैटिन अमरीकी देश- ब्राजील में तुवर एवं उड़द के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा और इसके निर्यात के लिए भारत का विशाल बाजार उपलब्ध करवाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में ब्राजील का एक प्रतिनिधि मंडल भारत के दौरे पर आया था जिसमें वहां के कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
भारत सरकार ने अधिकारियों से दलहन उत्पादन एवं निर्यात के लिए करार की संभावना तलाशने का आग्रह किया था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार ब्राजील के कृषि अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने देश में दलहनों के उत्पादन के बारे में एक प्रस्ताव तैयार करके भारत के साथ उसे साझा करे और उसके बाद इस दिशा में आवश्यक कदम उठाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि ब्राजील में दाल-दलहन की घरेलू खपत बहुत कम होती है जबकि वहां अनुकूल मौसम के कारण तुवर और उड़द का उत्पादन बढ़ाने की पर्याप्त गुंजाईश है।
ब्राजील के उत्पादक निर्यात उद्देश्य के लिए इन दलहनों का उत्पादन आरंभ कर सकते हैं और भारत इसकी खरीद के लिए करार करने को तैयार है।
दरअसल तुवर एवं उड़द के आयात के लिए कुछ ही उत्पादक देशों पर भारत की निर्भरता काफी बढ़ गई है। यदि ब्राजील में बेहतर उत्पादन होने लगा तो भारत को एक और वैकल्पिक स्रोत मिल जाएगा।
उधर ऑस्ट्रेलिया से भी तुवर के उत्पादन संवर्धन पर ध्यान देने का आग्रह किया गया है। भारत में तुवर एवं उड़द जैसे दलहनों की मांग एवं खपत तेजी से बढ़ती जा रही है मगर इसके अनुरूप उत्पादन नहीं बढ़ रहा है।
इसके फलस्वरूप विदेशों से इसके विशाल आयात की आवश्यकता बनी रहती है। ब्राजील में करीब 30 लाख टन दलहनों एवं बीन्स का उत्पादन होता है जो घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। इसका थोड़ा-बहुत निर्यात भी होता है।