iGrain India - करनाल । देश के सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य- हरियाणा में इस वर्ष उत्पादन घटने की आशंका से बासमती धान का भाव ऊंचा एवं तेज चल रहा है जबकि निर्यातक एवं मिलर्स इसकी खरीद में सक्रियता दिखा रहे हैं।
सरकार द्वारा बासमती चावल के न्यूनतम बिक्री मूल्य (मेप) को 1200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 डॉलर प्रति टन नियत किए जाने के बाद इसकी निर्यात मांग तेजी से बढ़ने लगी है। मध्य-पूर्व के देशों ने भारी से भारी मात्रा में बासमती चावल खरीदना शुरू कर दिया है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार परम्परागत बासमती धान की एक प्रजाति- सीएसआर 30 का मंडी भाव उछलकर 6300-6600 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है जबकि हरियाणा में पूसा 1121 बासमती धान का दाम 4300-4500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है।
लेकिन पूसा बासमती 1509 धान का मूल्य 3200-3600 रुपए प्रति क्विंटल के बीच है। कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई होने वाले बासमती धान की मिलिंग में चावल के टूट की मात्रा कम होती है इसलिए हाथ से काटे जाने वाले धान की तुलना में इसका दाम 300-500 रुपए प्रति क्विंटल तक नीचे रहता है।
सरकारी निकाय- एपीडा के निदेशक का कहना है कि बासमती धान के उत्पादकों तथा बासमती चावल के निर्यातकों को आकर्षक मूल्य प्राप्त हो रहा है जो अच्छी बात है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यानी अप्रैल-सितम्बर 2023 के दौरान भारत से बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 2.59 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के निर्यात 2.27 अरब डॉलर से 14 प्रतिशत अधिक था।
मात्रा की दृष्टि से भी बासमती चावल का शिपमेंट 7 प्रतिशत बढ़कर 23.10 लाख टन पर पहुंच गया। उद्योग सूत्रों के अनुसार हरियाणा में बासमती चावल का उत्पादन पिछले साल के 38 लाख टन से घटकर इस बार 37 लाख टन रह जाने की संभावना है क्योंकि करनाल, कुरुक्षेत्र एवं यमुनानगर जिलों में भयंकर बाढ़ से धान की फसल क्षतिग्रस्त हो गई थी।