iGrain India - लंदन । इंटरनेशनल ग्रेन्स कौंसिल (आईजीसी) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में गेहूं एवं मक्का का संयुक्त उत्पादन अनुमान अक्टूबर के मुकाबले 30 लाख टन बढ़ाकर 2.295 अरब टन निर्धारित किया है।
इसके तहत अमरीका में मक्का तथा रूस, तुर्की एवं यूक्रेन में गेहूं के उत्पादन अनुमान में इजाफा किया गया है। इसी तरह इन दोनों अनाजों की कुल वैश्विक खपत 2.308 अरब टन होने की संभावना व्यक्त की गई है जो अक्टूबर के अनुमान से 30 लाख टन ज्यादा है।
इसके तहत खासकर मक्का की खपत में बढ़ोत्तरी होने की संभावना जताई गई है। पिछला बकाया स्टॉक ऊंचा होने से इसकी आपूर्ति में ज्यादा समस्या नहीं होगी। इसके वैश्विक कारोबार के अनुमान में भी 10 लाख टन की वृद्धि की गई है। इस तरह मार्केटिंग सीजन के अंत में अधिशेष स्टॉक कुल घट सकता है।
उत्तरी एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में गेहूं तथा मक्का की खेती अलग-अलग महीनों में होती है। लेकिन इसका वैश्विक मार्केटिंग सीजन जुलाई-जून के बीच माना जाता है।
जुलाई से अमरीका, कनाडा, यूरोपीय संघ एवं काला सागर क्षेत्र से देशों में गेहूं की नई फसल की कटाई-तैयारी आरंभ होने वाली है जबकि मक्का का उत्पादन सितम्बर-अक्टूबर में होता है।
इधर चीन तथा भारत जैसे शीर्ष उत्पादक देशों में गेहूं की कटाई-तैयारी मार्च-अप्रैल में शुरू होती है। ऑस्ट्रेलिया में अक्टूबर से गेहूं आने लगता है जबकि अर्जेन्टीना में नवम्बर-दिसम्बर में इसकी शुरुआत होती है।
मक्का का उत्पादन भी अलग-अलग समय में होता है। अमरीका सहित अधिकांश देशों में इसका उत्पादन एक ही सीजन में होता है जबकि ब्राजील एवं भारत जैसे देशों में दो सीजन में इसकी खेती होती है।
भारत में अभी रबी कालीन गेहूं एवं मक्का की बिजाई हो रही है जबकि लैटिन अमरीकी देश- ब्राजील में प्रथम या पूर्ण सीजन की बिजाई जारी है। वहां जनवरी-मार्च के दौरान दूसरे या सफरीन्हा सीजन के मक्के की बिजाई होगी और उस फसल की कटाई-तैयारी जून-जुलाई में शुरू हो जाएगी।
गेहूं के प्रमुख उत्पादक देशों में चीन, भारत, रूस, अमरीका, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूक्रेन एवं जर्मनी आदि शामिल है जबकि मक्का का अधिकांश उत्पादन अमरीका, चीन और ब्राजील में होता है। इसके अलावा अर्जेन्टीना, भारत, रूस, यूक्रेन एवं ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में भी मक्का की अच्छी पैदावार होती है।